नई दिल्लीः भारत में बिजनेस करने वालों को बिजनेस ज्यादातर कामयाब होता इसका एक बड़ा कारण है परिवार के सभी घरवालों को बिजनेस में हाथ बटाना। फैमिली बिजनेस के मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है। भारत में ऐसी 108 कंपनियां लिस्टेड हुई हैं वहीं चीन में 167 और अमेरिका में 121 कंपनियां है। क्रेडिट सुइस रिसर्च ने एक स्टडी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। स्टडी में करीब 1,000 परिवार नियंत्रित लिस्टेड कंपनियों का विश्लेषण किया गया है। इसके मुताबिक भारतीय कंपनियों का प्रबंधन दूसरों के मुकाबले ज्यादा परिपक्व है।
स्टडी में एक और बात सामने आई कि निवेशक इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हैं कि कंपनी में परिवार की ओनरशिप कितनी है। उन्हें सिर्फ इस बात से मतलब है कि रोजमर्रा के बिजनेस में प्रोमोटर कितने शामिल हैं। भारत और चीन की आधी परिवार नियंत्रित कंपनियों का सालाना बिजनेस 3300 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
चीन में फैमिली की शेयरहोल्डिंग का अधिकार कम
चीन में फैमिली बिजनेस का मतलब ऐसी कंपनियों से है जिनमें फैमिली की शेयरहोल्डिंग या वोटिंग अधिकार कम से कम 20% हो। भारतीय कंपनियों की सबसे बड़ी चुनौती उत्तराधिकार की प्लानिंग है। प्रतिस्पर्धा और टैलेंट बरकरार रखने को ये कंपनियां दूसरी और तीसरी बड़ी चुनौती मानती हैं। ये रेवेन्यू ग्रोथ को लेकर काफी आशान्वित हैं. चीन की कंपनियां उत्तराधिकार को समस्या नहीं मानती हैं। आश्चर्यजनक रूप से टेक्नोलॉजी उनके लिए सबसे बड़ी समस्या है। रिपोर्ट के अनुसार परिवार नियंत्रित कंपनियों का वित्तीय प्रदर्शन दूसरी कंपनियों की तुलना में बेहतर है। इनके शेयर भाव में बढ़ोती भी प्रोफेशनल्स द्वारा नियंत्रित कंपनियों की तुलना में ज्यादा है। ये कंपनियां लंबी अवधि में ग्रोथ की रणनीति बनाती हैं। शेयर प्राइस के लिहाज से चीन, भारत और इंडोनेशिया की कंपनयां सबसे महंगी हैं। इनका पीई अनुपात 15-16 है। कोरिया, हांगकांग और सिंगापुर की कंपनियों का पीई 10-13 के बीच है।