रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास मंगलवार को एक बार फिर एक्शन में नजर आये। पुलिस-प्रशासन की सुस्त कार्रवाई पर बरसते दिखे। दरअसल, गिरिडीह से रेप पीड़ित नाबालिग न्याय की आस में जनसंवाद कार्यक्रम में पहुंची। परिजनों ने बताया कि 14 मई को दुष्कर्म हुआ। पूरे मामले को लेकर थाना में शंकर मंडल के खिलाफ मामला दर्ज हुआ, लेकिन पांच महीने बाद भी कार्रवाई नहीं हुई, जिस पर सीएम ने गिरिडीह एसपी से सवाल किये। एसपी ने बताया कि मामला कोर्ट में है और कोर्ट से वारंट निकलने का इंतजार कर रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री भड़क गये। उन्होंने पूछा कि मामले में चार्जशीट दायर की गयी या नहीं। इस पर एसपी ने बताया कि चार्जशीट दायर नहीं हुई है।
सीएम रघुवर दास ने कहा कि दो माह में चार्जशीट दर्ज हो जानी चाहिए थी, अगर कार्रवाई नहीं करोगे, तो दुष्कर्म की संख्या बढ़ती जायेगी। इसी संदर्भ में सीएम ने सभी एसपी को आदेश दिया कि कि सभी जिले में रेप के केस की रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाये। इसके अलावा उन केस पर क्या कार्रवाई हुई है, इसकी भी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। एक सप्ताह के अंदर सभी रिपोर्ट गृह सचिव के पास उपलब्ध कराने का आदेश मुख्यमंत्री ने दिया। गृह सचिव को कहा कि दुष्कर्म के मामले पर वह 15 नवंबर के बाद बैठक करेंगे। सीएम ने कहा कि अगर कोई थानेदार या जांच करनेवाला पुलिस अधिकारी इसमें विफल रहता है, तो उसे तत्काल सस्पेंड करें।
लक्ष्मी लाडली योजना का लाभ नहीं
पलामू के निरंजन कुमार बैठा ने बताया कि उन्होंने चार वर्षीय पुत्री के नाम वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना का लाभ लेने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र सेविका के माध्यम से सीडीपीओ कार्यालय मेदिनीनगर में आवेदन दिया था। अब तक इसका लाभ नहीं मिला है। कई बार शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर सीएम ने त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया।
शासन व्यवस्था को बनायें धारदार
सीएम रघुवर दास ने सभी पदाधिकारियों से शासन व्यवस्था को और धारदार बनाने के निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि समस्याओं से घबराने के बजाये इसके समाधान को लेकर प्रयासरत रहने की जरूरत है। कहा कि जब तक सृष्टि है, समस्याएं बनी रहेंगी। अधिकारियों को कहा कि फाइल घुमाने के सिस्टम से जनता को मुक्ति दिलायें।
गुमला डीडीसी को लगायी फटकार पूछा-कितने दिन से डीडीसी हो
गुमला डीडीसी द्वारा गुमला बस स्टैंड में शौचालय नहीं बनाये जाने पर मुख्यमंत्री ने फटकार लगायी। सीएम ने कहा कि कितने दिन से डीडीसी हो। स्वच्छता का पूरे देश मे गुणगान हो रहा है और बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थान पर शौचालय नहीं होना दुर्भाग्य की बात है। दरअसल, गुमला के पालकोट बस स्टैंड में शौचालय नहीं होने की शिकायत लोगों ने की थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि पालकोट बस स्टैंड में एक भी सुलभ शौचालय नहीं है। तीन जुलाई 2018 को शौचालय निर्माण का आदेश दिया गया था, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। इस पर सीएम ने डीडीसी को फटकार लगाते हुए कहा कि कॉमन सेंस नहीं है, डीडीसी की जिम्मेवारी संभाल रहे हो। साथ ही मुख्यमंत्री ने जल्द ही सुलभ शौचालय निर्माण करने का आदेश दिया।