रांची। राजधानी समेत पूरे राज्य में बढ़ते अपराध के ग्राफ पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने निशाना साधा है। कहा कि ऐसा लग रहा है मानो झारखंड में जंगलराज स्थापित हो गया है। पुलिस अपराधियों पर लगाम नहीं लगा पा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की भी मांग की। सुबोधकांत सहाय ने कहा कि राजधानी रांची में लगातार हत्या, लूट, दुष्कर्म, डकैती, छिनतई की वारदातों को लेकर प्रदेश कांग्रेस सवाल खड़ा करती रही है। राजधानी का जब यह आलम है, तो झारखंड की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पुलिसिया तंत्र और कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने में सरकार पूरी तरह से नाकाम है। यही वजह है कि एक दिन में छह आपराधिक घटनाएं हो जाती हैं। पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि पुलिसिया तंत्र को सभी सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं। इसके बाद भी अपराध पर काबू करने में पुलिस फेल हो गयी है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने सितंबर से लेकर अब तक के आपराधिक आंकड़ों को सामने रखते हुए कहा कि कहीं ना कहीं सरकार राज्य में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने में फेल हो गयी है। पुलिस की गोलियों से भी आम लोग ही मारे जा रहे हैं और बचे लोग अपराधियों की गोलियों से मारे जा रहे हैं।
यह ब्लैक को व्हाइट करने का तरीका
सुबोधकांत सहाय ने पीएम के ट्विटर हैंडल पर आये मैसेज को लेकर सवाल किया। कहा कि प्रधानमंत्री के आॅफिशियल ट्विटर हैंडल से एक हजार रुपये के डोनेशन की मांग करना हास्यास्पद है। भाजपा पैसे के मामले में सबसे बड़ी पार्टी है। इस बहाने वह अपने यहां जमा काला धन को सफेद करने की फिराक में है। कहा कि नोटबंदी के बाद ब्लैक मनी व्हाइट करने के बाद यह नया तरीका है। सहयोगियों के काले धन को सफेद करने की फिराक में सरकार है। प्रधानमंत्री के स्तर पर इस तरह के डोनेशन को सोशल साइट पर डालना शोभा नहीं देता।