रांची। राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय दामोदर नदी को प्रदूषण से मुक्त कराने के बाद अब नेचर फाउंडेशन के तत्वावधान में वायु प्रदूषण के खिलाफ अभियान छेड़ेंगे। इसकी शुरुआत दस अक्तूबर से करेंगे। राय ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य में वायु प्रदूषण की स्थिति जानलेवा हो गयी है। खलारी, डकरा, पिपरवार, टंडवा खनन क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान उन्होंने वायु प्रदूषण की जो स्थिति देखी है, वह भयावह है। उन्होंने 28 सितंबर को वन एवं पर्यावरण सचिव, मुख्य वन संरक्षक और राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष के साथ बैठक कर इस पर चर्चा की थी और वैधानिक कदम उठाने का निर्देश दिया था। उन्होंने झारखंड में वायु प्रदूषण मापक यंत्र नहीं होने पर आश्चर्य व्यक्त किया। कहा कि धनबाद और जमशेदपुर को छोड़कर किसी खनन क्षेत्र में यह यंत्र नहीं है। उन्होंने सभी खनन क्षेत्रों में यंत्र लगाने तथा खनन कंपनियों से पर्यावरण प्रबंधन की शर्तों का अनुपालन कराने का निर्देश दिया है। इसके अलावा खनन कंपनियों के दस्तावेजों की जांच कर गलती पाने पर परामर्शी पर कार्रवाई करने, खनिजों की ढुलाई ढक कर कराने और अवैध खनन पर अंकुश लगाने सहित कई निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड को वायु प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए हेल्पलाइन कॉल सेंटर खोला जायेगा, जिसमें कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगा। प्रदूषण की सूचना मिलने पर संबंधित विभाग के अधिकारी से विधिसम्मत कार्रवाई करायी जायेगी। दिसंबर के तीसरे रविवार को रांची में तीन दिवसीय पर्यावरण पाठशाला का आयोजन किया जायेगा, जिसमें राज्य के 100 लोगों को पर्यावरण संरक्षण का प्रशिक्षण दिया जायेगा। ये पर्यावरण संरक्षक दूत के रूप में काम करेंगे।

उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम के तहत समितियों के गठन का निर्देश दिया है। इस अधिनियम में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपायुक्त स्तर पर त्रिस्तरीय समितियां गठित करने का प्रावधान है।

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