रांची। झारखंड में चुनाव में अभी कुछेक महीने का समय है, लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने यात्रा और चौपाल के माध्यम से चुनावी समर की तैयारी शुरू कर दी है। विपक्ष सरकार की नाकामियों को जनता के बीच रख रहा है, तो सत्ता पक्ष विकास कार्यों को लेकर जनता को अपने पक्ष में गोलबंद कर रहा है। प्रमुख विपक्षी पार्टी झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन संघर्ष यात्रा के माध्यम से जनता के बीच अपनी बातें रख रहे हैं, तो आजसू प्रमुख सुदेश महतो स्वाभिमान यात्रा निकाल कर जनता को अपने पक्ष में गोलबंद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री रघुवर दास चौपाल लगाकर जनता को सरकार की विकास योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी पोल खोल हल्ला बोल कार्यक्रम के माध्यम से जनता को अपने पक्ष में करने का काम कर रहे हैं। यात्राओं और चौपालों से तपने लगी है झारखंड की सियासत। झारखंड का मौसम सर्द है लेकिन राजनीति गरम हो गयी है। सभी दल मिशन 2019 के तहत मैदान में कूद गये हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। भाजपा के खिलाफ विपक्ष हर स्तर से प्रहार कर रहा है। पहली बार यह देखा जा रहा है कि सभी राजनीतिक दल ग्रामीणों से चुनाव से पहले संवाद कर रहे हैं। हालांकि सबका मिशन 2019 में फतह करना है और इसी को ध्यान में रखकर ये कार्यक्रम हो रहे हैं। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। विपक्ष जहां सरकार की खामियों को जनता के बीच रखने का काम कर रहा है, वहीं सत्ता पक्ष विपक्ष के चाल-चरित्र और चेहरे से लोगों को अवगत करा रहा है।
झारखंड को लूटने के लिए बन रहा है महागठबंधन : रघुवर
विपक्ष के कार्यक्रमों के बीच मुख्यमंत्री रघुवर दास ग्रामीणों के बीच चौपाल लगाकर उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं। इस दौरान वह सिर्फ जनता की समस्याओं को सुन रहे हैं। चौपाल के दैरान उन्होंने साफ लहजे में कहा कि इसमें सिर्फ जनता बोलेगी और सरकार सुनेगी। मुख्यमंत्री की चौपाल में जनता खुल कर अपनी बातें रख रही हैं। मुख्यमंत्री के सामने अनेक समस्याएं आयीं। अधिकांश समस्याएं रघुवर सरकार के गठन से पहले की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब-जब झारखंड में यूपीए की सरकार बनी, सरकार में बैठे लोगों ने जनता के पैसे का दोहन किया। अब फिर एक बार महागठबंधन की कवायद विपक्ष के द्वारा की जा रही है। झारखंड को लूटने के लिए महागठबंधन बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सबका साथ सबका विकास के सपने को साकार कर रही है। चार वर्षों के शासन में भ्रष्टाचार का एक भी केस नहीं आया। विपक्ष को यह बात हजम नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि जब से सरकार बनी है, पहली बार जनता से पूछकर योजनाएं बनायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जिसे जो करना है करे, हमने यह ठाना है कि झारखंड का सर्वांगीण विकास करेंगे, गरीबी से मुक्त करेंगे और हम इसे करके रहेंगे।
प्रमुख विपक्षी पार्टी झामुमो संघर्ष यात्रा के द्वारा जनता को गोलबंद कर रही है। नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन इस यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। मिशन 2019 को लेकर उन्होंने कमर कस ली है। वह लगातार भाजपा पर प्रहार कर रहे हैं। संघर्ष यात्रा के क्रम में उन्हें जब भी मौका मिलता है, जनता के बीच भाजपा के खिलाफ आग उगल रहे हैं। तोरपा में उन्होंने कहा कि भाजपा आदिवासी-दलित और मूलवासियों की शोषक है। भाजपा को सिर्फ पूंजीपतियों के हित से मतलब है। यहां के आदिवासियों-मूलवासियों का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्षों के संघर्ष के बाद हम अलग राज्य में जी रहे हैं, लेकिन मूल अधिकारों पर बाहरी शक्तियों का अधिकार है। राज्य में आदिवासियों-मूलवासियों की भावना कुचली गयी है। सीएनटी एक्ट में संशोधन का प्रयास किया गया। नक्सलवाद के नाम पर पुलिसिया बर्बरता किसी से नहीं छुपी है। पत्थलगड़ी के नाम पर जो तांडव किया गया, वह जगजाहिर है। पूंजीपतियों के इशारे पर जमीन हड़पने की कोशिश की जा रही है। जाति-धर्म के नाम पर फूट डालने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि अबुआ- दिशुम अबुआ-राज के लिए फिर से उलगुलान की जरूरत है। भाजपा सरकार में अराजकता का बोलबाला है। आदिवासी-मूलवासी की भावनाओं को ठेस पहुंचायी जा रही है। झारखंड में जो मजदूरी करने आया था, वह आज मालिक बन बैठा है।
झाविमो मिशन 2019 को लेकर पोल खोल हल्ला बोल कार्यक्रम कर रहा है। इस कार्यक्रम को लेकर पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी लगातार राज्यव्यापी दौरा कर रहे हैं। कोडरमा से उन्होंने इस कार्यक्रम की शुरुआत की और लगातार विभिन्न जिलों में कार्यक्रम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने गरीब जनता एवं किसानों को छलने का काम किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता से 2014 में जो वायदे किये थे, वे छलावा साबित हुए हैं। मोदी के पीएम बनने से लोगों को उम्मीद थी कि देश में कानून का राज आयेगा। यह देश संविधान के अंतर्गत चलेगा।, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। झारखंड में भी भाजपा सरकार सिर्फ बड़े लोगों के लिए काम कर रही है। राज्य में भय, भूख और भ्रष्टाचार का आलम है। राजधानी रांची में लोग सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीतियां यहां के गरीब आदिवासी और मूलवासी के लिए नहीं हैं, बल्कि सभी नीतियां पूंजीपतियों के हित को ध्यान में रखकर बनायी जा रही हैं।
आजसू प्रमुख सुदेश महतो लगातार स्वाभिमान यात्रा के तहत जनता से मुखातिब हो रहे हैं। तीन दिन से वह कोल्हान प्रमंडल की यात्रा पर हैं और सीधे जनता के बीच चौपाल लगा कर उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं। सुदेश कहते हैं कि चॉपर (हेलीकॉप्टर) से चौपाल की तसवीर नहीं देखी जा सकती। इसके लिए जनता के बीच जाना होगा, उसके साथ बैठना होगा, उसकी समस्याओं को समझना होगा। उन्होंने कहा कि उद्योग लगाने से नहीं, गांव को सजाने-संवारने से झारखंड बदलेगा। उन्होंने कहा कि सत्ता में आम आदमी की हिस्सेदारी और झारखंडी विचारधारा को स्थापित करने के लिए लोगों को गोलबंद होना होगा। झारखंडी जनमानस के अनुरूप एक नयी लड़ाई, गांव-गांव से शुरू हो। सरकार जनता के मत से चलेगी, साहबों और सियासत के मन से नहीं। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच आम धारणा है कि लोक सेवक दाता बन गये हैं और सत्ता के मालिक याचक बन गये है़। इस रिवाज को बदलने के लिए एक निर्णायक लड़ाई की जरूरत है।