आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड अपार संभावनाओं ंसे भरा राज्य है। इसमें देश ही नहीं दुनिया के विकसित राज्यों की कतार में शामिल होने की क्षमता है। शुक्रवार को होटवार स्थित ओरिएंट क्राफ्ट की औद्योगिक इकाई के शुभारंभ समारोह में ये बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहीं। उन्होंने कहा कि उनके मुख्यमंत्री बनने के पहले तक झारखंड की छवि स्कैम्ड झारखंड की रही। इस छवि को सुधारकर हमने स्किल्ड झारखंड बनाया है। उन्होंने कहा कि राज्य के संसाधनों पर हरेक गरीब का अधिकार है।
350 रुपये प्रतिमाह की मजदूरी की थी
समारोह में मुख्यमंत्री रघुवर दास भावुक हो गये। उनका गला रुंध गया और उन्होंने कहा कि आज मैं जिस मुकाम पर हूं वह मेरी मां के कारण हूं। मेरी इस सफलता के पीछे मां के साथ मेरे विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं का भी योगदान है। एक राजनीतिक कवच के रूप में उनका साथ हमेशा रहा है। उन्हीं के कारण मैं इस मुकाम तक पहुंच सका। श्री दास ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत में महिला शक्ति के सम्मान की परंपरा रही है। मेरा मानना है कि नारी शक्ति सामाजिक जीवन की शक्ति है। पर जब तक हम होम मेकर को नेशन मेकर और स्टेट मेकर न बना दें तब तक उनका सशक्तिकरण संभव नहीं है। मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही मैं उनके सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रहा हूं। वर्ष 2014 में जब मैं झारखंड का सीएम बना था तो झारखंड में 43 हजार स्वयं सहायता समूह थे, आज इनकी संख्या बढ़कर दो लाख 17 हजार हो गयी है। झारखंड में महिलाएं जायदाद की मालकिन बनें और समाज में उनका सम्मान बढ़े, इसके लिए पचास लाख तक की जायदाद की रजिस्ट्री हमने एक रुपये में कराने की व्यवस्था की है।
बच्चियों की ट्रैफिकिंग रोकने का काम कर रहा हूं
रघुवर दास ने कहा कि जब मैं झारखंड का सीएम नहीं था और अखबारों और न्यूज चैनलों में झारखंड की बच्चियों को रोजगार के नाम पर उन्हें बेचे जाने की खबरें पढ़ता और सुनता था, तो यह मेरे लिए बेहद पीड़ादायी होता था। मैं यह सोचता था कि जिन बच्चियों को रोजगार के नाम पर बेच दिया गया है, उनके साथ संबंधित व्यक्ति कैसा क्रूर व्यवहार करता होगा। उनके शोषण की बात सोचकर मैं पीड़ा से भर जाता था। पर अब झारखंड की बच्चियों को राज्य में ही रोजगार मिले इसकी व्यवस्था सरकार कर रही है।
गरीबी को समाप्त करना है
सीएम ने कहा कि झारखंड एक अमीर राज्य है और इस अमीर राज्य की कोख से गरीबी समाप्त करना मेरा मकसद है। हम शासन या राजनीति करने के लिए सत्ता में नहीं आये। हम सेवा के लिए राजनीति में आये हैं। मैंने अपने अनुभवों से जाना है कि निवेश अक्सर उसी राज्य में आते हैं जहां की नीति अच्छी हो और शासन की व्यवस्था पारदर्शी हो। ओरिएंट टेक्सटाइल के सुधीर ढींगरा ने दीवाली से पहले इस औद्योगिक इकाई का शुभारंभ करके राज्य की बच्चियों को दीवाली का तोहफा दिया है। मेरी चाहत है कि खुशियों के दीप दीवाली के दिन उनके घर जले, क्योंकि दीवाली खुशहाली का त्योहार है। सुधीर ढींगरा को धन्यवाद, क्योंकि उन्होंने दिव्यांग बहनों को रोजगार दिया है। मुझे यह महसूस होता रहा है कि पैसेवालों को समाज याद नहीं करता। उन्हें याद करता है, जिन्होंने समाज को कुछ दिया है। झारखंड के विकास के लिए हम कृषि और उद्योग को पैरेलल लेकर चल रहे हैं। एक नवंबर को राज्य की 40 हजार सखी मंडल की बहनों को रोजगार देने जा रहे हैं। पहले रेडी टू इट पोषाहार के 500 करोड़ रुपये राज्य के बाहर जाते थे, पर अब यह काम सखी मंडल की बहनें करेंगी। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। ओरिएंट राज्य में एक लाख लोगों को टेक्सटाइल के क्षेत्र में रोजगार देगी। श्री दास ने कहा कि झारखंड में संभावनाओं की कमी नहीं है। संथाल में महिलाओं ने जलकुंभी से मैट बनाया था। उसे हमने इटली भेजा है। इसके अलावा बांस और सब्जी यहां से विदेश भेजी जा रही है। मेरी कोशिश है कि टेक्सटाइल के क्षेत्र में दुनिया में जो तमगा बांग्लादेश को हासिल है, वह झारखंड को मिले। चाइना के एक डेलीगेट को प्रोजेक्ट लगाने के लिए हमने साढ़े सात एकड़ जमीन दी है। हमारी कोशिश है कि यहां से जूता-चप्पल भी बनकर एक्सपोर्ट हो, जिससे राज्य के गरीब से गरीब व्यक्ति को रोजगार मिल सके। इसी सोच के साथ हमारी सरकार काम कर रही है। हर गरीब के घर में दिया जलाना सरकार की सोच है। कार्यक्रम को सांसद संजय सेठ, कांके विधायक जीतू चरण राम, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, ओरिएंट टेक्सटाइल के फाउंडर चेयरमैन सुधीर ढींगरा ने भी संबोधित किया। अपने संबोधन के पहले सीएम ने नारियल फोड़कर ओरिएंट टेक्सटाइल के औद्योगिक इकाई का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कंपनी की सीनियर प्रेसिडेंट मंजू ढींगरा, डायरेक्टर साहिल ढींगरा और अन्य उपस्थित थे।