राजनीतिक रैलियां सिर्फ रैली नहीं होतीं। वे शक्ति प्रदर्शन का जरिया और जनता के मूड का परिचायक भी होती हैं। 19 अक्टूबर को शहर के बीचों-बीच हरमू मैदान में भी झामुमो महाबदलाव रैली का आयोजन कर अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगी। बाबूलाल मरांडी की प्रभात तारा मैदान में आयोजित होनेवाली जन समागम रैली, जिसमें लगभग चालीस हजार लोगों ने हिस्सा लिया था के बाद यह दूसरी बड़ी रैली होनेवाली है। इस पर विपक्ष के साथ सत्तारुढ़ भाजपा की भी निगाहें लगी होंगी। इस रैली में उमड़नेवाले जनसैलाब से यह पता चल जायेगा कि झामुमो का झारखंड में इकबाल क्या है और आनेवाले चुनाव में अपनी प्रबल प्रतिद्वंद्वी भाजपा से भिड़ने के लिए पार्टी कितनी तैयार है। इस रैली को सफल बनाने के लिए झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन समेत सारे जिलाध्यक्ष और पार्टी नेता समेत कार्यकर्ता जी जान से लगे हुए हैं। इस रैली के बहाने झामुमो की चुनावी तैयारियों को रेखांकित करती दयानंद राय की रिपोर्ट।
हरमू मैदान में यह गुरुवार दोपहर दो बजकर 58 मिनट का समय है। आसमान मेें सूरज की किरणें मद्धिम हैं और सोना टेंट हाउस के कर्मी झामुमो की महाबदलाव रैली के पंडाल और स्टेज को आकार देने में जुटे हुए हैं। पंडाल की तैयारियों का जायजा लेने यहां झामुमो प्रवक्ता डॉ तनुज खत्री भी पहुंचे हैं। उन्होंने सोना टेंट के कर्मियों से तैयारियों पर बात की और काम का जायजा लिया। सोना टेंट के मैनेजर राजू ने उन्हें बताया कि वाटरप्रूफ पंडाल और स्टेज का निर्माण कार्य वह 18 सितंबर को देर रात तक कंप्लीट कर देंगे। काम पूरा करने के लिए 16 अक्टूबर से करीब 100 मजदूर दिन रात एक किये हुए हैं। काम की गति देखकर आश्वस्त होते हुए डॉ तनुज खत्री ने बताया कि 19 अक्टूबर की रैली में राज्य की 81 विधानसभाओं से झामुमो कार्यकर्ता हरमू मैदान में पहुंचेंगे। रैली के दिन मैदान का चप्पा-चप्पा झामुमो कार्यकर्ताओं से भरा होगा। यह रैली राज्य की भाजपा सरकार के ताबूत में आखिरी कील ठोंकने का काम करेगी। राज्य की जनता बदलाव का मूड बना चुकी है और झामुमो जनता की उम्मीदों के अनुरूप झारखंड में सरकार बनायेगी।
बदलाव के लिए है बदलाव महारैली
रैली की तैयारियों को लेकर झामुमो महासचिव बिनोद पांडेय ने बताया कि झामुमो की महाबदलाव रैली का सीधा मकसद झारखंड की सत्ता में बदलाव लाना है। पार्टी यह रैली मोरहबादी मैदान में करना चाहती थी पर एक साजिश के तहत हमें मैदान नहीं दिया गया और जो मैदान हमें मिला है उसमें रैली की तैयारियां चल रही है। हरमू मैदान तो एक से दो घंटे में झामुमो कार्यकर्ताओं से भर जायेगा और झामुमो की ताकत भाजपा को दिख जायेगी। हालांकि झामुमो की रैली पर बयान देते हुए सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में पार्टी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा था कि पार्टी की वह राजनीतिक हैसियत नहीं रही कि वह मोरहाबादी मैदान को भर सके। इसलिए वह झूठ बोल रही है। पार्टी की तो इतनी भी औकात नहीं है कि वह प्रभात तारा मैदान के दसवें हिस्से को भर सके। पार्टी को अपनी राजनीतिक हैसियत का अंदाजा हो गया है। जाहिर है सत्तारुढ़ भाजपा किसी कीमत पर यह नहीं चाहेगी कि झामुमो की रैली सफल हो और झामुमो अपनी पूरी ताकत लगाकर इस रैली को सफल बनायेगा। रैली के महत्व को देखते हुए पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन खुद इसकी तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और रैली से संबंधित पोस्टर और बैनर शहर के चौक-चौराहों पर लगने शुरु हो गये हैं। हरमू के सहजानंद चौक पर पार्टी के कई बैनर पोस्टर लगे हुए हैं। इनमें महाबदलाव रैली का संदेश और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन का चेहरा दोनों दिख रहा है।
जन समागम के बाद दूसरी बड़ी रैली
झामुमो की महाबदलाव रैली से पहले प्रभात तारा मैदान में झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी जन समागम का आयोजन कर चुके हैं। इस जन समागम के जरिये उन्होंने अपनी ताकत दिखा दी।
अब ताकत दिखाने का समय झामुमो के लिए है और इस रैली को सफल बनाने के लिए झामुमो ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। यह रैली झामुमो के लिए नाक का सवाल है और इसलिए पार्टी की तैयारियां भी उसी तरह की है। झामुमो की यह महाबदलाव रैली उस बदलाव यात्रा की आखिरी कड़ी है जिसकी शुरुआत हेमंत सोरेन ने संथाल परगना के साहिबगंज में 26 अगस्त को की थी। इस बदलाव यात्रा का मकसद झामुमो कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ भाजपा सरकार की विफलता को सामने भी रखना था। साहेबगंज के बरहेट में इस बदलाव यात्रा का शुभारंभ हेमंत सोरेन ने संथाल विद्रोह के नायक सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर मार्ल्यापण करके किया था। हेमंत यहीं से जीते हैं और इसलिए इसी क्षेत्र से उन्होंने अभियान का शुभारंभ किया। यह रैली उसी बदलाव यात्रा की अंतिम कड़ी है।
रैली के बहाने शक्ति प्रदर्शन
राज्य की सत्तारुढ़ भाजपा हो या विपक्षी झामुमो, झाविमो या कोई अन्य दल सभी चुनावों से पहले न सिर्फ अपने-अपने कार्यकर्ताओं को रैलियों और अन्य कार्यक्रमों के जरिये ऊर्जान्वित कर रहे हैं बल्कि अपनी ताकत का प्रदर्शन भी कर रहे हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने में अब अधिक वक्त नहीं रह गया है इसलिए झामुमो ने महाबदलाव रैली की टाइमिंग इस तरह से डिजाइन कि है कि इससे शहरी वोटरों को झामुमो की ताकत बता सके। इस बदलाव रैली के जरिये हेमंत सोरेन जनता और कार्यकर्ता दोनों से कनेक्ट हुए हैं और अब महाबदलाव रैली पार्टी की ताकत और राजधानी की जनता को पार्टी का संदेश देने का माध्यम बनेगा। इस मैदान की क्षमता पंद्रह से 20 हजार लोगों की है और इस स्पेश को तो झामुमो आसानी से भर लेगी। पार्टी की जो तैयारियां हैं उससे यह संकेत मिलते हैं कि रैली में भीड़ सिर्फ मैदान में ही नहीं होगी सड़कों पर भी होगी। झामुमो ने बीते विधानसभा चुनावों में 19 सीटों पर जीत हासिल की थी और उसका लक्ष्य अपनी इन सीटों को आसन्न चुनावों में बरकरार रखते हुए और अधिक सीटें जीतने की होगी।
भाजपा जिस तरह से हेमंत सोरेन और झामुमो पर राजनीतिक बमबारी कर रही है वैसे में यह रैली भाजपा को भी झामुमो की ताकत बताने का एक माध्यम बनेगी। इस रैली में उमड़नेवाली भीड़ झामुमो का वोट बैंक बनेगी या नहीं यह तो चुनाव के नतीजे बतायेंगे पर इतना तो साफ है कि इस रैली को अपने नाक का सवाल बना चुकी झामुमो इसे सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।