रांची। झारखंड में निजी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी उषा मार्टिन और इसके प्रबंध निदेशक राजीव झंवर के खिलाफ सीबीआइ में मामला दर्ज हो गया है। यह मामला सीबीआइ के पूर्व एसपी एनएमपी सिन्हा की घूसखोरी से संबंधित है। सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (1) द्वारा दायर प्राथमिकी में राजीव झंवर और उषा मार्टिन के अलावा चार अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें घूस की 20 लाख की रकम के साथ गिरफ्तार सीबीआइ के पूर्व एसपी एनएमपी सिन्हा, रांची के चार्टर्ड एकाउंटेंट विनय जालान, उनके पुत्र पार्थ जालान तथा उषा मार्टिन लिमिटेड के अधिकृत हस्ताक्षरी राजकुमार कपूर शामिल हैं। अन्य अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। सीबीआइ की ओर से नयी दिल्ली स्थित सीबीआइ/एसी-1 में दो अक्टूबर को दर्ज एफआइआर में भादवि की धारा 120 बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7-ए, 8, 9, 10 और 12 के तहत आरोप लगाये गये हैं।
प्राथमिकी में कहा गया है कि सीबीआइ के पूर्व एसपी एनएमपी सिन्हा द्वारा विनय जालान, पार्थ जालान, राजीव झंवर, राज कुमार कपूर और अन्य के द्वारा सीबीआइ में दर्ज मामले (आरसी 17 (इ)/2016, दिनांक 20.09.2016) की जांच को प्रभावित करने की साजिश रचे जाने की सूचना प्राप्त हुई थी। यह मामला सीबीआइ की आर्थिक अपराध शाखा-2 में भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 (2), 13 (1 डी) और भादवि की धारा 420 तथा 120 (बी) के तहत झारखंड सरकार के तत्कालीन खान निदेशक आइडी पासवान, मेसर्स उषा मार्टिन लिमिटेड और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज है। प्राथमिकी के अनुसार एनएमपी सिन्हा 31 अगस्त, 2020 को रिटायर होने से पहले आरसी 17 (इ)/2016 मामले के पर्यवेक्षण अधिकारी थे। सूत्रों ने यह जानकारी दी कि राजकुमार कपूर प्रबंध निदेशक राजीव झंवर की ओर से उषा मार्टिन का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ये लोग विनय जालान के माध्यम से सक्रिय रूप से इस मामले को देख रहे हैं।
विनय जालान ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह सीबीआइ में अपने संपर्कों की मदद से इस मामले की जांच को उनके पक्ष में मोड़ देंगे। जानकारी के अनुसार एनएमपी सिन्हा ने 23 सितंबर को नयी दिल्ली के आइटीसी मौर्या होटल में तीन-चार घंटे तक विनय जालान से मुलाकात की थी। उनकी मौजूदगी में विनय जालान ने अपने पुत्र पार्थ जालान से कहा कि वह उषा मार्टिन को जारी समन का जवाब तैयार करें और अपनी अगली दिल्ली यात्रा के दौरान सिन्हा से मुलाकात करें। सिन्हा ने भी पार्थ जालान से इस दौरान बात की।
सीबीआइ के पास पक्की सूचना थी कि विनय जालान काम कराने के एवज में एनएमपी सिन्हा को 20 लाख रुपये देने के लिए जा रहे हैं। इस सूचना के बाद इंस्पेक्टर रविंदर कुमार के नेतृत्व में छापामारी कर सिन्हा तथा जालान को पकड़ा गया। उनके पास से रकम भी बरामद की गयी। पूछताछ के बाद रांची, दिल्ली, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद में आठ ठिकानों पर छापामारी की गयी तथा कई दस्तावेज बरामद किये गये। प्राथमिकी के अनुसार एनएमपी सिन्हा, विनय जालान, पार्थ जालान, राजीव झंवर, राजकुमार कपूर, उषा मार्टिन और अन्य अज्ञात लोगों का यह कार्य भ्रष्टाचार निरोधक कानून, 1988 (यथा 1988 में संशोधित) की धाराओं 7-ए, 8, 9, 10 और 12 तथा भादवि की धारा 120-बी के तहत आपराधिक कृत्य है।
CBI घूसखोरी मामले में उषा मार्टिन के एमडी राजीव झंवर के खिलाफ FIR
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