रांची। झारखंड में हेमंत सरकार नौकरियों की बहार लाने जा रही है। सरकार ने अपने वादे के अनुसार इस दिशा में कदम आगे बढ़ा दिये हैं। इसके तहत सबसे पहले खाली पदों को भरे जाने की तैयारी शुरू हो गयी है। कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग ने इस संदर्भ में सभी विभागों से खाली पदों का ब्योरा मांगा है। यह भी जानकारी मांगी गयी है कि उनके कार्यालय में आरक्षित श्रेणी के हिसाब से कितनी रिक्तियां रह गयी हैं। सरकार को पहले ही विभिन्न विभागों की ओर से 25 हजार से अधिक नियुक्तियों के लिए पत्र मिल चुका है।
बैकलॉग पर भी ध्यान नियोजन नीति पर भी काम
कई बार नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षित सीटें जितनी संख्या में निर्धारित होती हैं, उतने अभ्यर्थी सफल नहीं होते। इस प्रकार ये सीटें खाली रह जाती हैं। इन्हें बैकलॉग कहा जाता है। इन पदों पर नियुक्तियों के लिए कोई रोक नहीं है। वहीं, दूसरी ओर सामान्य नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के पूर्व राज्य सरकार स्थानीय नीति और नियोजन नीति को स्पष्ट कर लेना चाहती है। हाल में ही सोनी कुमारी के मामले में नियोजन नीति को झारखंड हाई कोर्ट ने गलत करार दिया था। इसलिए इस मामले में सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। इसे लेकर नियोजन नीति पर काम शुरू करने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया गया है।
कर्मचारियों की है कमी
झारखंड के सभी विभागों को मिलाकर स्वीकृत पदों की संख्या दो लाख 68 हजार 232 है। इनमें एक लाख 91 हजार 689 पदों पर ही अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं। बीते वर्ष विभिन्न विभागों में 3359 कर्मचारी रिटायर हो गये। विभाग में कर्मचारियों की कमी से कामकाज प्रभावित हो रहा है और फाइलें अधिक दिनों तक लंबित रह रही हैं। अब सरकार इस कमी को पूरा करने की दिशा में कदम आगे बढ़ा रही है।

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