आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। जेल में बंद कोयला कारोबारी और झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार के 50 लाख घूसकांड मामले में संलिप्तता के बाद इडी के रडार पर आये कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने अमित अग्रवाल को राहत देने से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायाधीश जेके माहेश्वरी की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि पहले इस मामले को लेकर उन्हें झारखंड हाइकोर्ट जाना चाहिए। कारोबारी अमित अग्रवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दलील पेश की थी।
बता दें कि इडी कोर्ट के न्यायिक हिरासत में जेल में बंद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अमित अग्रवाल ने अपनी याचिका में इडी के सहायक निदेशक और कोलकाता पुलिस को प्रतिवादी बनाया था। राजीव कुमार कैश कांड में इडी ने कोलकाता के व्यापारी अमित अग्रवाल को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद ही अमित अग्रवाल ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अमित अग्रवाल की ओर से अधिवक्ता रंजीत रोहतगी ने रिट याचिका दायर की थी। दायर याचिका में कहा गया कि राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने 31 जुलाई को गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी उनके द्वारा कोलकाता पुलिस में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी पर हुई थी। कोलकाता पुलिस ने उनकी शिकायत पर राजीव को 50 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इडी ने इस मामले में इसीआइआर दर्ज करने के बाद जांच शुरू की। राजीव को रिमांड में लेने के बाद पूछताछ की गयी। बाद में इडी ने पूछताछ के लिए बुलाया और इस दौरान 7 अक्तूबर की रात उन्हें भी इस मामले में अभियुक्त बनाते हुए गिरफ्तार कर लिया गया, जो कि गलत है। क्योंकि हाइकोर्ट में चल रहे पीआइएल को मैनेज करने के नाम पर रिश्वत मांगने के मामले में वह शिकायतकर्ता हैं।