मुंबई। महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में पिछले 24 घंटे में 15 और लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 6 नवजात शिशु और 2 बच्चे भी हैं। अस्पताल में एक सप्ताह से लगातार मौतों का सिलसिला जारी है और पिछले 7 दिनों में 83 मौतें हुई हैं। इनमें 37 शिशु और बच्चे हैं।
आश्चर्य की बात यह कि इस अस्पताल में हो रही मौतों की जांच को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया था। इस समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में अस्पताल को क्लीन चिट दे दी है। जांच समिति की रिपोर्ट के बाद भी मौतों का सिलसिला जारी रहने से स्थानीय जनता में रोष व्याप्त है।
अधिकारियों के मुताबिक इस अस्पताल में दो अक्टूबर से मरीजों की मौत का सिलसिला शुरू हुआ। उस दिन यहां 24 घंटे में 12 नवजात समेत 24 मरीजों की मौत दर्ज की गई थी। इसके बाद तीन अक्टूबर को 24 घंटे में 7 मरीजों की मौत हुई थीं, जिनमें 4 नवजात थे। इसी तरह 4 अक्टूबर को 24 घंटे में 2 शिशुओं समेत 6 मरीजों की मौत हुई थी। पांच अक्टूबर को 24 घंटे में 5 नवजात समेत 14 मरीजों की मौत, 6 अक्टूबर को 24 घंटे में 4 शिशुओं समेत 11 मरीजों की मौत, 7 अक्टूबर को 24 घंटे में 1 नवजात शिशु, 1 बच्चे सहित 6 मरीजों की मौत और 8 अक्टूबर को 24 घंटे में 6 नवजात शिशु, 2 बच्चों सहित 15 मरीजों की मौत हुई। इस तरह इस अस्पताल में पिछले सात दिनों में कुल 83 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 37 नवजात शिशु एवं बच्चे शामिल हैं।
सरकार ने दावा किया है कि सरकारी अस्पतालों में दवा की कमी नहीं है, जबकि बताया जा रहा है कि सरकारी अस्पतालों में दवाओं की भारी कमी हो गई है। मरीजों को बाहर से दवा खरीदना पड़ता है और दवा समय पर दवा नहीं मिलने से गंभीर मरीजों की जान जा रही है। इस मामले को लेकर बाम्बे हाई कोर्ट ने सरकार की खिंचाई की थी।