बीईईओ और बीआरसी के रात्रि प्रहरी के खिलाफ विधायक ने खोला मोर्चा
पलामू। पांकी विधायक डॉ शशिभूषण मेहता ने तरहसी-मनातू के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईईओ) परमेश्वर साहू और बीआरसी में अवैध रूप से कब्जा जमाए रात्रि प्रहरी आफताब आलम पर कई आरोप लगाए हैं। विधायक ने कहा है कि आफताब आलम मनातू का रात्रि प्रहरी है, लेकिन तरहसी बीआरसी में मालिक बनकर काम करता है। हर साल 50 लाख की हेराफेरी करता है और कार्रवाई के नाम पर बीईईओ सिर्फ वसूली करते हैं।
विधायक ने आरोप लगाया है कि तरहसी-मनातू प्रखंड क्षेत्र के 75 प्रतिशत विद्यालयों में एमडीएम का राशन, विद्यालय प्रबंधन समिति की सामग्री, रंग रोगन की सामग्री, खेलकूद की सामग्री, पोशाक की खरीद, बेंच डेस्क, टीएलएम के सामान, कस्तूरबा मनातू एवं अन्य कस्तूरबा विद्यालय में सभी प्रकार के सामानों की आपूर्ति तरहसी बीआरसी के रात्रि प्रहरी आफताब के माध्यम से एमएस निशा ट्रेड्स द्वारा की जाी है, जिसमें रात्रि प्रहरी आफताब और अत्ताउल्लाह अंसारी एमएस निशा ट्रेड्स व अन्य नाम से विद्यालय को गलत बिल भाउचार तैयार कर निशा ट्रेड्स के खाते में भेजा जाता है। कमीशन 30 प्रतिशत वसूला जाता है। 10 प्रतिशत बीईईओ, 10 प्रतिशत रात्रि प्रहरी आफताब आलम व 10 प्रतिशत अत्ताउल्लाह अंसारी बंटवारा करते हैं।
विधायक ने आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग के द्वारा दिव्यांग बच्चों के लिए हर साल परिवहन की व्यवस्था की जाती है, लेकिन पैसे को बचाने के लिए बीईईओ समेत बीआरसी के भ्रष्ट अधिकारी दिव्यांगों को भी नहीं बक्स रहे हैं। उन्हें भी अपने साधन से आने को मजबूर किया जाता है। विधायक ने बताया कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना खेलो झारखंड में विद्यालय से बच्चों को प्रखंड एवं जिला तक ले जाने के लिए परिवहन और ड्रेस की व्यवस्था करनी थी, मगर इस फंड को बचाकर पैसे का बंदरबांट कर लिया गया है।
विधायक ने कहा कि बीईईओ के संरक्षण में तरहसी-मनातू प्रखंड के कई स्कूलों में सरकारी शिक्षक होने के बावजूद पारा शिक्षक प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य कर रहे हैं। करमाही, अपटी, बेटा पत्थल, चुनका, जोलपुर, भीतडीहा समेत कई विद्यालय में सरकारी शिक्षक कार्यरत हैं, मगर बीईईओ परमेश्वर साहू ने कमीशन को लेकर सरकारी शिक्षक को प्रभार दिलाने की जगह पारा शिक्षक प्रभार संभाल रखे हैं।