नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर रविवार को वियतनाम और सिंगापुर की छह दिवसीय यात्रा पर हनोई पहुंचे। वियतनाम के बाद डॉ. जयशंकर 19 से 20 अक्टूबर तक सिंगापुर के दौरे पर रहेंगे। यात्रा के दौरान विदेश मंत्री अपने सिंगापुर के समकक्ष और देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। वह भारतीय क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता भी करेंगे।

डॉ. जयशंकर ने एक्स पर कहा कि आज वे वियतनाम की राजधानी हनोई पहुंचे हैं। वे विदेश मंत्री बुई थान सोन का प्रसिद्ध ट्रान क्वोक पैगोडा में गर्मजोशी से व्यक्तिगत स्वागत के लिए धन्यवाद करते हैं। वे सोमवार को 18वीं संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता करने के लिए उत्सुक हैं।

उल्लेखनीय है कि हनोई स्थित ट्रान क्वोक पैगोडा एक बौद्ध मंदिर है। यह वेस्ट लेक के एक द्वीप पर स्थित है। यह वियतनाम के सबसे पुराने पैगोडा में से एक है। इसका इतिहास 1,500 साल से अधिक पुराना है। विदेश मंत्री ने हनोई में ऐतिहासिक ट्रान क्वोक पगोडा का दौरा किया। भारत और वियतनाम के बीच सदियों पुराने संबंधों का प्रतीक यहां का बोधि वृक्ष है। इसे 1959 में राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति हो ची मिन्ह को उपहार में दिया था।

विदेश मंत्रालय के अनुसार अपनी यात्रा के पहले चरण में जयशंकर वियतनाम-भारत के संबंधों में कई क्षेत्रों में हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे और सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। वे 18 अक्टूबर तक वियतनाम के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान जयशंकर अपने वियतनामी समकक्ष बुई थान सोन के साथ आर्थिक, व्यापार और वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग पर भारत-वियतनाम संयुक्त आयोग की 18वीं बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। विदेश मंत्री हनोई और हो ची मिन्ह सिटी का भी दौरा करेंगे और वियतनामी नेतृत्व के साथ बातचीत भी करेंगे।

वियतनाम से जयशंकर 19 से 20 अक्टूबर तक सिंगापुर की यात्रा पर रहेंगे। यात्रा के दौरान विदेश मंत्री अपने सिंगापुर के समकक्ष और देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। वह भारतीय क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता भी करेंगे। भारत-सिंगापुर संबंध को 2015 में रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया था और तब से द्विपक्षीय सहयोग की तीव्रता में काफी वृद्धि हुई है।

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