बेगूसराय। बेगूसराय के संयुक्त कृषि भवन में आज विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों की बात कृषि मंत्री के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सभी 18 प्रखंडों से चयनित किसान तथा जिला कृषि पदाधिकारी, सहायक निदेशक (उद्यान) एवं उप परियोजना निदेशक (आत्मा) सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।
किसानों की बात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनने के लिए बिहार सरकार के कृषि मंत्री, सचिव, निदेशक (कृषि), निदेशक (उद्यान) एवं बामेति के निदेशक सहित कृषि विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रखंडों से आए हुए किसानों ने कृषि में बेहतर उत्पादन एवं आय प्राप्त करने का सुझाव दिया गया। किसानों के सुझाव पर अमल करने का आश्वासन दिया गया है।
किसान प्रतिनिधि मटिहानी प्रखंड के गोदरगामा निवासी गोपाल कुमार ने कहा कि बेगूसराय जिला में आत्मा कार्यालय द्वारा खरीफ मौसम में किसान पाठशाला के माध्यम से सैकड़ों एकड़ में श्री अन्न (मोटा अनाज) के तहत सांबा, बीना एवं मडुआ की खेती कराया गया है। इस फसल में किसानों को रसायनिक उर्वरक की आवश्यकता नहीं के बराबर पड़ी एवं सूखे जैसी स्थिति में भी बेहतर उत्पादन हुआ।
इन अनाज का कटाई के बाद छंटाई की प्रक्रिया बेहद कठीन होती है। इसके लिए छंटाई वाला कृषि यंत्र वर्तमान समय में जिला में मौजूद नहीं है। जिसके लिए किसानों को कृषि विभाग के स्तर से आर्थिक सहायता अनुदान के रूप मे हार्वेसटिंग के साथ-साथ प्रोसेसिंग जैसे कृषि यंत्र मिल जाती है तो इसका प्रसंस्करण करना आसान हो जाएगा। किसान इसका पैकेजिंग कर अत्यधिक मुनाफा प्राप्त कर अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं।
मटिहानी प्रखंड के ही साफापुर निवासी दिग्विजय कुमार ने बेगूसराय जिला में आलू उत्पादन के बाद इसके मूल्य में किसानों को बेहतर मुनाफा प्राप्त नहीं होने की समस्या से कृषि मंत्री को अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि आलू को कोल्ड स्टोरेज में रखने पर अत्यधिक खर्च आता है। जिस पर किसानों को सहायता अनुदान देने की आवश्यकता है।
किसानों को एक किलो आलू के उत्पादन में चार से पांच रुपये का खर्च आ जाता है। जबकि आलू कि हार्वेस्टिंग के समय चार से पांच रुपये किलो में ही व्यापारी के द्वारा खरीदा जाता है। जिससे किसानों को बहुत लाभ नहीं हो पाता है। इसके लिए जिले में आलू की बिक्री के लिए सरकार के स्तर से धान एवं गेहूं की अधिप्राप्ति की तरह व्यवस्था की जाती तो आलू उत्पादक किसानों को भी बेहतर मूल्य प्राप्त हो सकता है।