बेगूसराय, 06 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने आज कहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (मनरेगा) के संबंध में देशवासियों के बीच भ्रम फैला रहे हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा ग्रामीण भारत में आर्थिक संकट गहराने की बात कहे जाने पर शुक्रवार की शाम गिरिराज सिंह ने कहा है मल्लिकार्जुन खड़गे भ्रम फैलाने का काम नहीं करें। मनरेगा मांग आधारित मजदूरी रोजगार कार्यक्रम है और इसमें धनराशि जारी करना एक सतत प्रक्रिया है।
गिरिराज सिंह ने कहा है कि केन्द्र सरकार काम की मांग को ध्यान में रखते हुए धनराशि उपलब्ध कराती है। इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए धन की उपलब्धता की कोई बाधा नहीं है। जब भी कभी अतिरिक्त निधि की आवश्यकता होती है तो धनराशि उपलब्ध करायी जाती है।
उन्होंने कहा कि देश में आज गरीबों के पास अपनी छत है, गैस पर खाना बन रहा है। उसके पास रोजगार है, गावों में बिजली और सड़कें हैं। मोदी राज में गरीबों के विकास के लिए ना कभी पैसे की कमी थी, ना है और ना होगी। यूपीए के शासन में 2.13 लाख करोड़ रुपये की राशि मनरेगा में दी गई थी।
जबकि नरेन्द्र मोदी की सरकार में अब तक 6.6 लाख करोड़ जारी किए जा चुके हैं। खड़गे जी अपने फैक्ट्स एंड फ़िगर्स को सही कीजिए और लोगों में भ्रम फैलाना बंद कीजिए। यूपीए शासनकाल में मात्र 1660 करोड़ श्रम दिवस सृजित किए गए थे। मोदी सरकार ने 2625 करोड़ श्रम दिवस सृजित किए। बजट अनुमान से अधिक राशि जारी किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा है कि ग्रामीण भारत में आर्थिक संकट इतना गहरा है कि सितम्बर में मनरेगा की डिमांड चार वर्षों में 30 प्रतिशत बढ़ गई है। प्रधानमंत्री इस संबंध में कुछ करने के बजाय अपनी विकराल विफलताओं को भाषण तले छिपाने के लिए चुनावी राज्यों में कांग्रेस को कोस रहे हैं।
बेतहाशा घटती घरेलू आमदनी और मंहगाई की मार से करोड़ों लोग मनरेगा में काम की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर हैं। हालत यह है कि मनरेगा के बजट का केवल चार प्रतिशत फंड ही बचा है। देश को याद है कि बजट 2023 में मोदी सरकार ने मनरेगा के बजट में 33 प्रतिशत कटौती की थी।
जिसका परिणाम गरीब परिवार भुगत रहें हैं, विपक्ष शासित राज्यों का फंड भी बकाया है। कांग्रेस को जितना चाहे बुरा-भला कहिये, ग़रीबों का अधिकार मत छीनिए। मल्लिकार्जुन खड़गे के इस ट्वीट के बाद गिरिराज सिंह ने मनरेगा के संबंध में डेटा साथ रिट्वीट कर यह हमला किया है।