नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आज रेलवे टेंडर घोटाला मामले के आरोपित और बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को विदेश जाने की अनुमति दे दी है। स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने विदेश जाने की अनुमति दी। तेजस्वी ने 24 अक्टूबर से 1 नवंबर तक जापान यात्रा पर जाने और पासपोर्ट रिलीज करने की मांग की थी। कोर्ट अब 20 अक्टूबर को आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर सुनवाई करेगा। 9 अक्टूबर को आरोप तय करने के मामले पर दो आरोपितों आरके हांडू और प्रेमचंद गुप्ता की ओर से दलीलें पेश की गई थीं।
25 अगस्त को आरोपित प्रेमचंद गुप्ता और सरला गुप्ता की ओर से आरोप तय करने पर दलीलें पेश की गई थीं। 7 अगस्त को आरोपितों राकेश सक्सेना और भूपेंद्र कुमार अग्रवाल की ओर से आरोप तय करने पर दलीलें पेश की गई थीं। 22 जुलाई को लालू यादव की ओर से आरोप तय करने पर वकील मनिंदर सिंह ने दलीलें पेश कीं। 28 जनवरी, 2019 को कोर्ट ने ईडी की ओर से दर्ज केस में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को नियमित जमानत दी थी। कोर्ट ने एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। 19 जनवरी, 2019 को कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दर्ज केस में लालू यादव को नियमित जमानत दी थी।
कोर्ट ने 17 सितंबर, 2018 को ईडी की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी समेत 16 लोगों को आरोपित बनाया गया है। इनमें लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मेसर्स लारा प्रोजेक्ट एलएलपी, सरला गुप्ता, प्रेमचंद गुप्ता, गौरव गुप्ता, नाथमल ककरानिया, राहुल यादव, विजय त्रिपाठी, देवकी नंदन तुलस्यान, मेसर्स सुजाता होटल, विनय कोचर, विजय कोचर, राजीव कुमार रेलान और मेसर्स अभिषेक फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेलमंत्री रहते रेलवे के दो होटलों को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया और होटलों की देखभाल के लिए टेंडर जारी किये थे। रांची और पुरी के दो होटलों का आवंटन कोचर बंधु की कंपनी सुजाता होटल को ट्रांसफर कर दिया था।