-एसपीटी एक्ट का संथाल परगना में खुल्लम-खुल्ला हो रहा उल्लंघन: लोबिन हेंब्रम
पाकुड़। कोल्हान टाइगर व पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि संथाल परगना में स्वशासन व्यवस्था को मजबूत कर यहां के आदिवासी समाज का अस्तित्व, उनकी संस्कृति, सभ्यता, आबादी और पहचान बचाने के लिए मांझी परगना को जागरूक करने के लिए आया हूं। चंपाई गुरुवार को पाकुड़ में बाजार समिति प्रांगण में आयोजित मांझी परगना महासम्मेलन को संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि जब तक मांझी परगना जागरूक नहीं होंगे तब तक हमारा समाज, गांव ,घर का अस्तित्व और पहचान नहीं बचेगा। आज हमारी संस्कृति, सभ्यता ,भाषा पर कुठाराघात कर हम आदिवासियों के अस्तित्व को मिटाने का साजिश रची जा रही है। बांग्लादेशी घुसपैठी हम आदिवासियों की जमीन को को कब्जा कर हड़पने का काम कर रहे हैं।
हमारी बहू ,बेटियों के मान सम्मान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। अब वक्त आ गया है हमें जागरुक और संगठित होने की जरूरत है। कहा कि हम बहुत जल्द संथाल परगना में बड़ी वैसी बुलाकर यहां के आदिवासियों की हड़पी गई जमीन को उनके हाथों में सौंपने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि पाकुड़ में अब तक 12 ऐसे आदिवासी गांव है जहां आदिवासियों का आबादी नगण्य हो गई है ,उन गांव में फिर से आदिवासियों को बसाने का काम करेंगे।महासम्मेलन को बोरियों के पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम ने संबोधित करते हुए कहा कि आज संथाल परगना में एसपीटी एक्ट का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर आदिवासियों की जमीन पर लीज और रजिस्ट्री की जा रही है। गांव का गांव उजाड़ा जा रहा है, हमारी संस्कृति ,सभ्यता और पहचान को मिटाने का काम किया जा रहा है। ऐसे वक्त में मांझी परगना को जागरुक होकर अपने अस्तित्व की रक्षा और पहचान को बचाने के लिए एक जुटता का परिचय देने का वक्त आ गया है। महा सम्मेलन को ग्राम प्रधान गमलियम्म हेंब्रम, विकास गौड़ ,मुन्ना हेंब्रम, बेनिफेड मुर्मू ,बालेश्वर टुडू, शिवचरण मालतू ,सुरजू टुडू ने भी संबोधित किया। महासम्मेलन का संचालन मांझी परगना एवेन वैसी के संथाल परगना के प्रमंडलीय संयोजक चंद्र मोहन हांसदा ने किया। वहीं धन्यवाद ज्ञापन गमलियाम हेंब्रम ने किया। महा सम्मेलन में भाग लेकर चंपाई सोरेन हेलीकॉप्टर से रांची के लिए रवाना हो गए।