Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Tuesday, May 20
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»बिजनेस»त्योहारी सीजन में मसालों की कीमत में उतार -चढ़ाव, जीरे में तेजी आई तो हल्दी पर बढ़ा दबाव
    बिजनेस

    त्योहारी सीजन में मसालों की कीमत में उतार -चढ़ाव, जीरे में तेजी आई तो हल्दी पर बढ़ा दबाव

    shivam kumarBy shivam kumarOctober 11, 2024No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    नई दिल्ली। सर्दी का सीजन शुरू होने के पहले मसाले की कीमत में काफी उतार-चढ़ाव होता हुआ नजर आ रहा है। जीरे के भाव में तेजी आई है, वहीं लगभग एक महीने की तेजी के बाद हल्दी पर दबाव बना हुआ नजर आ रहा है। जबकि रबर भी सात साल के शिखर से फिसल कर गिरावट का शिकार हो गया है, इसी तरह धनिया में कमजोरी दर्ज की गई है।

    नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) पर जीरे का अक्टूबर वायदा 9 दिनों के ऊंचाई पर पहुंच गया है। सितंबर में भी जीरे की कीमत में लगातार तेजी बनी हुई थी। अब अक्टूबर के महीने में भी जीरा तेजी दिखा रहा है। एनसीडीईएक्स की चाल पर अगर नजर डालें तो पिछले एक हफ्ते के दौरान जीरा करीब 1 प्रतिशत तक उछल गया है। वहीं पिछले एक महीने के दौरान जीरे के भाव में 5 प्रतिशत तक की तेजी आ गई है। हालांकि अगर 1 साल की अवधि की बात करें, तो पिछले साल अक्टूबर की तुलना में अभी तक जीरे के भाव में 45 प्रतिशत तक की गिरावट आ चुकी है।

    जानकारों का कहना है कि बाजार में जीरे की मांग में लगातार बढ़ोतरी हुई है। इस साल देश में जीरे की बुवाई भी कम हुई है, जिसके कारण बाजार को इस साल जीरे के उत्पादन में कमी आने की आशंका है। इसके साथ ही थोक बाजार में जीरे की आवक भी कम हो रही है। हालांकि इसकी मांग में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि ठंड की शुरुआत के पहले मांग में थोड़ी बढ़ोतरी ही हुई है। मांग की तुलना में आवक कम होने के कारण जीरे की कीमत को लगातार सपोर्ट मिल रहा है। कमोडिटी मार्केट एक्सपर्ट अजय श्रीवास्तव का कहना है कि जीरे के उत्पादन में कमी आने की आशंका लगातार बनी हुई है। इस वजह से अगले एक से डेढ़ महीने में ही यानी नवंबर के अंत तक ही जीरा पिछले साल की ऊंचाई पर पहुंच सकता है।

    जीरा के विपरीत हल्दी का अक्टूबर वायदा इस सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गया है। इस सप्ताह हल्दी के भाव में 0.33 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि एक महीने की अवधि में इसका भाव 4 प्रतिशत तक लुढ़क गया है। जानकारों का कहना है कि हल्दी की मांग में फिलहाल गिरावट आई है, वहीं हल्दी की आवक बढ़ने की वजह से भी बाजार में इसकी कीमत पर दबाव बन गया है। इसके साथ ही हल्दी की बुवाई का रकबा बढ़ने और इसके एक्सपोर्ट में कमी आने से भी बाजार में दबाव की स्थिति बनी है। हालांकि ठंड की शुरुआत के साथ ही हल्दी की मांग में भी तेजी आने की उम्मीद है, जिससे इसकी कीमत में भी जल्दी ही तेजी आ सकती है।

    हल्दी की तरह ही धनिया में भी फिलहाल कमजोरी नजर आ रही है। पिछले 1 हफ्ते के दौरान धनिया की कीमत में 1 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। हालांकि मासिक आधार पर देखें तो धनिया के भाव अभी 7 प्रतिशत चढ़े हुए हैं। बताया जा रहा है कि सितंबर के महीने में धनिया पिछले 9 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया था। इसलिए फिलहाल उसकी कीमत में करेक्शन हो रहा है। आने वाले दिनों में इसकी कीमत में डेढ़ से दो प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है।

    ज्यादातर मसालों की तरह ही कमोडिटी मार्केट में रबर के भाव पर भी दबाव बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में रबर की कीमत 7 साल के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने के बाद फिसल गई है। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में रबर 214 डॉलर प्रति किलो के स्तर के करीब कारोबार कर रहा है। इस संबंध में वेंकटेश्वर रबर एंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर जीवी सुरेश का कहना है कि घरेलू बाजार में रबर की सप्लाई में लगातार कमी बनी हुई है, जबकि डिमांड अपने सर्वोच्च स्तर पर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में रबर की कीमत में आई गिरावट की वजह से इसकी कीमत में मामूली गिरावट जरूर आई है, लेकिन घरेलू मांग में तेजी आने के कारण अब इसमें और गिरावट आने की उम्मीद नहीं है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleकमजोर शुरुआत के बाद रिकवरी की कोशिश में शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी पर बना दबाव
    Next Article सर्राफा बाजार में सोने की कीमत में गिरावट जारी, चांदी की कीमत में बदलाव नहीं
    shivam kumar

      Related Posts

      सर्राफा बाजार में मामूली तेजी, सोना और चांदी की बढ़ी कीमत

      May 20, 2025

      शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार पर दबाव, सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट

      May 20, 2025

      ग्लोबल मार्केट से पॉजिटिव संकेत, एशिया में भी तेजी का रुख

      May 20, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • शराब घोटाले में तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे व संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह अरेस्ट
      • आदिवासी विरोधी सरकार की टीएससी बैठक में जाने का कोई औचित्य नहीं : बाबूलाल मरांडी
      • जेपीएससी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती के लिए इंटरव्यू 22 से
      • नये खेल प्रशिक्षकों की बहाली प्रक्रिया जल्द, प्राथमिक सूची तैयार
      • यूपीए सरकार ने 2014 में सरना धर्म कोड को किया था खारिज : प्रतुल शाह देव
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version