झामुमो ने किया काउंटर अटैक
रांची। सीजीएल परीक्षा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभ्यर्थियों का एक बड़ा तबका लगातार आंदोलन पर है। वहीं जेएसएससी द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपने की तैयारी में है। इस बीच एक वीडियो की वजह से सीजीएल परीक्षा विवाद फिर सुर्खियों में आ गया है। इसको लेकर भाजपा ने झामुमो और सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
फर्जी अभ्यर्थी कर रहे रिजल्ट की मांगः भाजपा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि हेमंत सरकार रिजल्ट जारी करने पर आमादा है। इसके लिये झामुमो के कार्यकर्ता फर्जी छात्र बन कर सीजीएल परीक्षा परिणाम जारी करने की मांग कर रहे हैं। जबकि करीब 7 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है और हर कोई चाहता है कि निष्पक्ष जांच हो।
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने आज अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट जारी कर कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने छात्रों का भी घोटाला कर दिया है। अपना प्रोपेगेंडा फैलाने के लिये सुनियोजित तरीके से छात्रों को हथियार बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब जबरन रिजल्ट जारी करने के लिये झामुमो ऑफिस में बैठकर पटकथा तैयार कर रहे हैं। उन्होंने आगाह किया है कि सीबीआई जांच के बिना रिजल्ट जारी करना ठीक नहीं होगा।
दरअसल, 2 दिन पूर्व छात्रों का एक दल बैनर तख्तियां लेकर सीएम से मिलने पहुंचा था। छात्रों का कहना था कि 21 और 22 सितंबर को पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ सीजीएल की परीक्षा हुई थी। इसलिए सरकार को तुरंत रिजल्ट जारी करवाना चाहिए। हालांकि रिजल्ट की मांग कर रहे ज्यादातर छात्रों ने यह माना था कि वे सीजीएल के अभ्यर्थी नहीं थे। हालांकि कुछ ने खुद को अभ्यर्थी बताया। जबकि कुछ अभ्यर्थियों ने यहां तक कहा कि परीक्षा के दिन इंटरनेट सेवा बंद होने से प्रश्न पत्र लीक नहीं हो पाया। इससे विपक्षी घबरा गये हैं क्योंकि उनकी मंशा पर पानी फिर गया।
सरकार की खुल चुकी है पोल – छात्र नेता
छात्र नेता देवेंद्र कुमार महतो ने बताया कि अब साफ हो गया है कि परीक्षा में धांधली हुई है। सरकार इसको ढकने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा के बाद आंदोलन को जारी रखने के लिये फिर से रणनीति बनाई जाएगी।
भाजपा कर रही है छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ः झामुमो
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने बताया कि फर्जीवाड़ा तो भाजपा के लोग करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता अभ्यर्थी बनकर छात्रों को गुमराह कर रहे हैं। सरकार मेधावी अभ्यर्थियों को नौकरी देना चाह रही है लेकिन इसमें अड़ंगा लगाया जा रहा है। इसका जवाब झारखंड के युवा भाजपा को देंगे।
अभ्यर्थियों की शिकायत की जांच हो चुकी है पूरी
दरअसल सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी मामले की जांच को लेकर छात्रों ने राज्यपाल से मुलाकात की थी। उनके आदेश पर आयोग ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी। जांच कमेटी ने सवाल खड़ा करने वाले कुछ अभ्यर्थी और कोचिंग संचालकों को पक्ष रखने के लिए बुलाया था। आयोग ने 7 सितंबर को कुणाल प्रताप सिंह, आशीष कुमार, प्रकाश कुमार, रामचंद्र मंडल, विनय कुमार, प्रेमलाल ठाकुर को अपना पक्ष एवं साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए अंतिम अवसर दिया था, लेकिन इसमें केवल प्रकाश कुमार उपस्थित हुए थे। अब जांच टीम अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपने की तैयारी कर रही है। दूसरी तरफ छात्र अलग-अलग तरीके से आंदोलन कर रहे हैं।