पटना। बिहार के बेगूसराय जिले में जनता दल यूनाइटेड का बिहार संवाद कार्यक्रम आर्ट गैलरी सह प्रेक्षागृह में आयोजित हुआ। यह कार्यक्रम बुद्धिजीवी एवं युवाओं के लिए विशेष रूप से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष कुमार वर्मा शामिल हुए। उपस्थित बुद्धिजीवियों एवं युवाओं को संबोधित करते हुए मनीष वर्मा ने कहा कि आज का युवा बिहार का भविष्य है। हम अपने युवाओं को जिस प्रकार से तैयार करेंगे, वैसा ही भविष्य बिहार का होगा।
मनीष वर्मा ने कहा कि सरकार का एक सीमित दायरा होता है। सरकार और समाज दोनों मिलकर किसी भी राज्य का विकास सुनिश्चित करते हैं इसलिए नीतीश सरकार अपने तरफ से हर स्तर पर बिहार को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रही है, लेकिन हमें भी एक नागरिक होने के नाते समाज के प्रति अपनी भूमिका का ईमानदारी से निर्वहन करना होगा। सरकार अनेकों प्रकार की योजनाएं शिक्षा क्षेत्र में चला रही हैं। प्रत्येक समुदाय, वर्ग, धर्म का बच्चा शिक्षित हो, इसके लिए हर व्यवस्था नीतीश कुमार ने बनाई है। हम अपने तरफ से आगे बढ़कर अपने बच्चों को उन सभी योजनाओं का लाभ दें, उन्हें शिक्षित करें तभी हमारा बिहार आगे बढ़ पाएगा।
मनीष वर्मा ने उपस्थित छात्र- छात्राओं को कहा कि नौकरी का मतलब सरकारी नौकरी ही नहीं होती है। हमें बस नौकरी के लिए प्रयास नहीं करना है। सरकार अपनी व्यवस्था अनुसार ही रोजगार दे सकती है और हमें नौकरी पाने वाला नहीं बनना है बल्कि नौकरी देने वाला बनना है। हमारे समाज में सरकारी नौकरी को लेकर ऐसी धारणा है कि उसके बिना कुछ है ही नहीं। हमें उस सोच से बाहर निकलना पड़ेगा। हम आज के समय में अपना व्यवसाय कर सकते हैं, स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं, अपना एंटरप्राइज लगा सकते हैं जिससे कि हम स्वयं तो अपनी जीविका चला ही पाएंगे, साथ ही हम दूसरों की जीविका भी चलाने योग्य हो जाएंगे।
मनीष वर्मा ने उपस्थित छात्र-छात्राओं के प्रश्नों का उत्तर भी दिया तथा कहा कि बरगलाने वाले लोगों और पार्टी से दूर रहने की आवश्यकता है। हमसे पूर्व की सरकारों ने बिहार को गर्त में ले जाने का काम किया है, शिक्षा को गर्त में ले जाने का काम किया है नहीं तो बिहार आज जिस स्थिति में है, उससे कई गुना अच्छी स्थिति में होता। शिक्षा सभी के लिए सुलभ हो इसलिए नीतीश कुमार ने अनेक योजनायें चलाई है क्योंकि उनका मानना है कि यदि आप बढ़ेंगे तो पूरा बिहार बढ़ेगा। बिहार को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं, यह हम सब की जिम्मेदारी है कि उसके लिए सोच और उस दिशा में कदम उठाएं।
2005 के पहले के बिहार और अब के बिहार में जमीन आसमान का अंतर है। हम उस पीढ़ी के लोग हैं, जो अंधेरे में अपना जीवन यापन करते थे। महीने में कभी एक दो बार बिजली आती थी। आज बिजली, सड़क, शिक्षा, रोजगार जैसे सभी क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर काम हुआ है। शिक्षा में 50 करोड़ से अधिक का बजट सरकार खर्च करती है। बिहार को आगे बढ़ाना है तो हमें सबसे पहले अपने बच्चों को शिक्षित करना होगा। सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए समाज का प्रत्येक वर्ग का बच्चा शिक्षित हो, इसके लिए समाज को भी साथ देना होगा। जब हम शिक्षित होंगे, तभी स्वयं अपने पैरों पर खड़े हो पाएंगे और तभी बिहार के विकास के सहभागी होंगे।