रांची। झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने जमीन के लंबित म्यूटेशन (दाखिल खारिज) को लेकर झारखंड सरकार पर निशाना साधा है। बाबूलाल मरांडी ने मरांडी ने रविवार को सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि झारखंड सरकार ने जमीन के म्यूटेशन के लिए झारभूमि पोर्टल के डाटा को स्टेट डाटा सेंटर में ट्रांसफर किया है, लेकिन यहां भी महज आवेदन खोलने में 15-20 मिनट का समय लग रहा है। यह बाबुओं की नई कारस्तानी है।
मरांडी ने कहा कि महज रांची जिले में म्यूटेशन के लगभग 18,000 मामले लंबित हैं। स्लो इंटेरनेट के कारण इतने मामले लंबित नहीं हैं, बल्कि अंचलाधिकारी (सीओ) को घुस के तौर मोटी रकम या जमीन का हिस्सा नहीं देने के कारण लंबित हैं।
उन्होंने कहा है कि जनता को प्रताड़ित करने से बेहतर है कि हेमंत सोरेन की सरकार नए नियम बनाए, जिसके अनुसार पुश्तैनी जमीनों का बंबंटवारा सिर्फ गोतिया (पारिवारिक हकदारों) के बीच नहीं, बल्कि सीएम और सीओ (सरकारी हकदारों) के बीच किया जाए। इस नियम से आप तक (हेमंत सोरेन तक) पहुंचने वाला काला धन भी वैध हो जाएगा और गरीब जनता को म्यूटेशन के लिए अंचल कार्यालय में चप्पल घिसने से मुक्ति भी मिल जाएगी।