नई दिल्ली। जयेश लॉजिस्टिक्स लिमिटेड का 28.63 करोड़ रुपये का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए लॉन्च कर दिया गया। इस आईपीओ में 29 अक्टूबर तक बोली लगाई जा सकती है। इश्यू की क्लोजिंग के बाद 30 अक्टूबर को शेयरों का अलॉटमेंट करने के बाद 31 अक्टूबर को अलॉटेड शेयर डीमैट अकाउंट में क्रेडिट कर दिए जाएंगे। कंपनी के शेयर 3 नवंबर को एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होंगे।
इस आईपीओ में बोली लगाने के लिए 116 रुपये से लेकर 122 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है, जबकि लॉट साइज 1,000 शेयर का है। जयेश लॉजिस्टिक्स लिमिटेड के इस आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर्स कम से कम 2 लॉट यानी 2,000 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं, जिसके लिए उन्हें 2,44,000 रुपये का निवेश करना होगा। इस आईपीओ के तहत 23,47,000 नए शेयर जारी हो रहे हैं।
आईपीओ खुलने से एक कारोबारी दिन पहले 24 अक्टूबर शुक्रवार को जयेश लॉजिस्टिक्स लिमिटेड ने एंकर इनवेस्टर्स से 6.78 करोड़ रुपये जुटाए। इन एंकर इनवेस्टर्स में अर्नेस्टा ग्लोबल अपॉर्च्युनिटीज फंड सबसे बड़ा इनवेस्टर रहा, जिसने कंपनी के 1.98 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इसके अलावा, वीरा एआर्ईएफ ट्रस्ट, एलआरएसडी सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, फॉर्च्यून हैंड्स ग्रोथ फंड और शाइन स्टार बिल्ड कैप प्राइवेट लिमिटेड जैसे प्रमुख नाम भी एंकर बुक में शामिल हुए हैं।
इस आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए 47.38 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व किया गया है। इसके अलावा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 33.23 प्रतिशत हिस्सा, नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (एनआईआई) के लिए 14.27 प्रतिशत हिस्सा और मार्केट मेकर के लिए 5.11 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व है। इस इश्यू के लिए इंडकैप एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड को बुक रनिंग लीड मैनेजर बनाया गया है। वहीं केफिन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड को रजिस्ट्रार बनाया गया है। वहीं गिरिराज स्टॉक ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का मार्केट मेकर है। इश्यू की क्लोजिंग के बाद 30 अक्टूबर को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाएगा। कंपनी के शेयर 3 नवंबर को एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होंगे।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 1.09 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 3.16 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 7.20 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की राजस्व प्राप्ति में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में इसे 60.37 करोड़ का कुल राजस्व प्राप्त हुआ, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 88.30 करोड़ और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 112.03 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी को 2.02 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। इसी तरह इस अवधि में कंपनी को 25.25 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
इस अवधि में कंपनी के कर्ज में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में कंपनी पर 12.19 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 27.10 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 27.99 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 की बात करें, तो इस दौरान कंपनी पर लदे कर्ज का बोझ 29.65 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया।
इस दौरान कंपनी के रिजर्व और सरप्लस में भी बढ़ोतरी हुई। ये वित्त वर्ष 2022-23 में ये 4.30 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 7.46 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का रिजर्व और सरप्लस 10.99 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 तक ये 13.01 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
इसी तरह ईबीआईटीडीए (अर्निंग बिफोर इंट्रेस्ट, टैक्सेज, डिप्रेशिएशंस एंड एमॉर्टाइजेशन) 2022-23 में 4.78 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 10.40 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का ईबीआईटीडीए 16.93 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 तक ये 4.30 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा।

