लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आगामी 23 नवम्बर को गाजीपुर में आयोजित होने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की रैली “अंसारी बंधुओ” के लिए भी एक बडी चुनौती होगी। बहुचर्चित विधायक मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल (कौएद) के 21 जून को सपा में हुए विलय के बाद से ही “यादव परिवार” में विवाद शुरु हो गया था। श्री यादव के निर्देश पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कौएद का विलय सपा में कराया था।
श्री यादव की रैली में उम्मीद से अधिक भीड लाना ‘अंसारी बंधु’ के लिए बडी चुनौती है। उनकी साख दांव पर लगी है। राजनीतिक प्रेक्षको का कहना है कि गाजीपुर में पार्टी से अलग भीड दिखने पर ही ‘अंसारी बंधु’ की साख बढेगी। सामान्य भीड आने पर कौएद के विलय का विरोध करने वालों को बल मिलेगा और चुनाव में टिकट बंटवारे में ‘अंसारी बंधुओ’ को झटका लग सकता है। अंसारी बंधुओ के सामने यहां 14 नवम्बर को हुई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली से ज्यादा भीड जुटाने की बडी चुनौती है। श्री यादव की रैली उसी मैदान पर आयोजित हो रही है, जहां श्री मोदी की रैली हो चुकी है।