नई दिल्ली: नोटबंदी के कारण आम लोगों को होने वाली परेशानियों पर चिंता व्यक्त करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ विभिन्न विपक्षी दलों के सांसदों ने आज संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष आज इस मुद्दे पर ‘जन आक्रोश दिवस’ भी मना रहा रहा है। हालांकि संसद भवन परिसर में इस विरोध प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस, जदयू, सपा और बसपा का कोई सांसद नहीं दिखाई दिया। वहीं इसमें बीजद की उपस्थिति दिखाई दी।
विपक्ष के संयुक्त विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वालों में कांग्रेस उपाध्यक्ष के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरप्पा मोइली के अलावा राजद के जयप्रकाश नारायण यादव, राकांपा की सुप्रिया सुले, द्रमुक की कनिमोई, माकपा के माहम्मद सलीम आदि शामिल थे। विपक्षी सदस्य इस मुद्दे पर नारेबाजी कर रहे थे और उन्होंने नोटबंदी के कारण लोगों को पेश आ रहीं परेशानियों को दूर करने के लिए कदम उठाने की सरकार से मांग की। कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने मोदी सरकार के नोटबंदी के कदम को फर्जी लड़ाई बताया और कहा कि यह कालाधन के खिलाफ असली लड़ाई नहीं है। राजद के जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि नोटबंदी के कारण लोगों में नाराजगी है और यह सड़कों पर लोगों के विरोध प्रदर्शन से स्पष्ट है। कालाधन के खिलाफ लड़ाई के नाम पर गरीब लोगों को परेशान किया जा रहा है जबकि अमीर लोग बचकर निकल रहे हैं।
कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार का कारण कालाधन है। लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कहां हो रही है? लोकपाल का क्या हुआ?’’ उन्होंने कहा कि जो पैसा प्रचलन में है, उसे कालाधन नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम चर्चा के पक्ष में हैं। प्रधानमंत्री को सदन में आना चाहिए और स्पष्टीकरण देना चाहिए।’’ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह दुनिया में पहली बार हो रहा है कि कोई अपना ही पैसा नहीं निकाल सकता है। इसलिए हम आम आदमी की आवाज संसद के बाहर और भीतर उठा रहे हैं। विपक्षी दलों के अलग अलग विरोध के बारे में पूछे जाने पर माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा, ‘‘विपक्ष में कोई विभाजन नहीं है। सभी दल अलग अलग मार्च कर रहे हैं लेकिन वे साथ हैं। संसद इसलिए नहीं चल रही है क्योंकि प्रधानमंत्री सदन में नहीं आ रहे हैं।’’