जहानाबाद: बिहार में जहानाबाद के बहुचर्चित सेनारी नरसंहार मामले में 17 साल के बाद आज अदालत ने 15 दोषियों में से दस को फांसी और तीन को उम्र कैद की सजा सुनाई जबकि दो फरार दोषियों की सजा पर फैसला नहीं हो सका। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (तृतीय ) रंजीत कुमार सिंह ने सजा के बिंदु पर सुनवाई करने के बाद 15 दोषियों में से दस को फांसी और तीन को आजीवन कारावास सजा सुनाई। जिन दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गयी है उनमें बुटाई यादव, गोपाल साव, गोराई पासवान, ललन पासी, सत्येंद्र दास, द्वारिका पासवान, करिमन पासवान, उमा पासवान, ब्रजेश कुमार सिंह और बुधन यादव शामिल हैं।
बिहार के जहानाबाद में सेनारी नरसंहार मामले की सुनवाई करते हुए जिला अदालत ने 10 दोषियों को फांसी और तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस नरसंहार में 34 लोगों की हत्या की गई थी।
अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाए गए दोषियों पर एक-एक लाख का आर्थिक दंड भी लगाया है। इस मामले दो अन्य दोषी फरार हैं। अदालत ने लोक अभियोजक और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सरकार को मृतक के परिजनों को पांच-पांच लाख देने का निर्देश दिया है। अदालत ने इस मामले में घायल हुए लोगों को भी एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।