रांची: झारखंड के अपर मुख्य सचिव अमित खरे ने कहा है कि आने वाले वर्षों में हम खुले में शौच से मुक्त झारखंड के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। स्वच्छ भारत न सिर्फ साफ-सफाई और स्वच्छता का एक मुद्दा है, बल्कि यह मानवीय गरिमा से भी जुड़ा है। बुधवार को यूनिसेफ द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में उन्होंने कहा कि हम इस लक्ष्य को तभी प्राप्त कर सकते हैं, जब सरकार, गैरसरकारी सहयोगी, कंपनियां और नागरिक एक साथ खड़े हों। उन्होंने उद्योग, खान एवं भूतत्व विभाग, झारखंड सरकार और कॉरपोरेट समुदाय की राज्य में सीएसआर के अंतर्गत व्यय में 2015-16 में तीन गुना वृद्धि होने की सराहना की। इस अवसर पर यूनिसेफ प्रमुख डॉ मधुलिका जोनाथन, उद्योग निदेशक के रविकुमार, कुमार प्रेमचंद, मोइरा दावा सहित अन्य उपस्थित थे।
कंपनियां काफी सहयोग कर सकती हैं: सिंह
मौके पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने कहा कि कंपनियां काफी सहयोग कर सकती हैं। सभी मिलकर एक प्रखंड या एक पूरा जिले को अपना कर इसे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के परामर्श के साथ खुले में शौच से मुक्त बना सकती हैं।
सीएसआर फंड का कुशलता से हो रहा उपयोग : वर्णवाल
मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल कहा कि दो वर्ष पहले सरकार ने सीएसआर काउंसिल का गठन कर इसके कुशल उपयोग को सुनिश्चित किया था। फंड के उपयोग के लिए तीन प्राथमिकताएं- स्वच्छ झारखंड, कुपोषण मुक्त झारखंड एवं राज्य में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना निर्धारित है। सीएसआर काउंसिल कंपनियां और यूनिसेफ के सहयोग से चालू वित्त वर्ष के लिए सीएसआर फंड के लिए योजना तैयार करेगी।