मुंबई:  रिजर्व बैंक ने आज लोगों से कहा कि वे नकदी को घर में जमा नहीं करें क्योंकि नोट की पर्याप्त आपूर्ति है और इसकी कोई तंगी नहीं है। हालांकि, दूसरी तरफ देश भर में बैंक 1,000 और 500 रुपये के नोट पर पाबंदी के बाद उसे बदलने के लिये उमड़ी भीड़ को काबू करने में संघर्ष करते नजर आये। इस बीच, सरकार ने किसानों तथा उन परिवारों के लिये नकदी निकासी में ढील दी है जिनके घर में शादी है। लेकिन दूसरी तरफ बैंक काउंटर पर नोट बदलने की सीमा आधे से ज्यादा घटाकर 2,000 रुपये कर दी है।

केंद्रीय बैंक के बयान में कहा गया है, ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक एक बार फिर आज यह स्पष्ट करता है कि दो महीने पहले शुरू हुई मुद्रा की छपाई बढ़ने के साथ नोटों की पर्याप्त आपूर्ति है। लोगों से अनुरोध है कि वे घबरायें नहीं और घरों में धन जमा नहीं करे।’’ पांच सौ रुपये की निकासी के लिये एटीएम दुरूस्त किये जाने के बाद भी इन मशीनों में नकदी की कमी बनी हुई है। इसका कारण निकासी को लेकर खासा दबाव है।

नोट बंदी के बाद देश भर में पुराने नोट बदलवाने व दैनिक जरूरतों के लिए पैसा निकलवाने वालों की भीड़ कम होती नजर नहीं आ रही है। बैंककर्मी आज भी इस भीड़ से निपटने की कोशिश में लगे रहे। कुछ एटीएम की प्रणाली को 500 रुपये के नये नोटों के हिसाब से ढाला गया है लेकिन भारी निकासी के कारण उनमें नकदी ज्यादा देर रुक ही नहीं रही। यानी ज्यादातर एटीएम या तो बंद हैं या उनमें पैसा नहीं। हालांकि, नोट बदलवाने आने वालों की तर्जनी पर अमिट स्याही के सरकार के फैसले के बाद इस तरह के लोगों की भीड़ कुछ कम हुई है। अब एक ही दिन में बार बार नोट नहीं बदले जा सकते।

इस बीच देश भर में बैंकों में एटीएम प्रणाली को नये नोटों के अनुरूप ढालने का काम तेजी से जारी है ताकि इनके जरिए 500 व 2,000 रुपये के नोट वितरण शुरू किया जा सके। नोटबंदी की सबसे अधिक मार सब्जी वालों, ढाबे वालों अन्य फेरी वालों व किराना स्टोरों आदि पर पड़ी है। सीमेंट, बालू व अन्य सामान की आपूर्ति ठप होने से निर्माण क्षेत्र में काम बंद हो गया है और अनेक कामगार बेरोजगार हैं। इस बीच सरकार ने नकदी प्रवाह बढ़ाने के लिये अनेक कदमों की घोषणा की।

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