नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज आश्वस्त किया कि पुराने 500 और 1,000 के नोटों में छोटी राशि बैंक खातों में जमा कराने वाले लोगों से कर विभाग किसी तरह की पूछताछ नहीं करेगा। इसके साथ ही जेटली ने लोगों को सुझाव दिया कि वे बैंकों में भीड़ न करें क्योंकि पुराने नोटों को बदलने के लिए काफी समय है। हालांकि, वित्त मंत्री ने इसके साथ ही आगाह किया कि बेहिसाबी धन जमा कराने वाले लोगों को कर कानून के तहत नतीजे झेलने होंगे। इस राशि पर कर के साथ 200 प्रतिशत का जुर्माना भी लगेगा।
जेटली ने कहा, ‘‘ऐसे लोग जो छोटी राशि जमा कर रहे हैं उनसे किसी तरह का सवाल नहीं पूछा जाएगा और न ही उन्हें परेशान किया जाएगा। जिन लोगों के पास घर में खर्च के लिए या किसी आपात स्थिति के लिए पैसा है वे उसे खाते में जमा कर सकते हैं। राजस्व विभाग छोटे जमाकर्ताओं पर ध्यान नहीं देगा।’’ वित्त मंत्री ने आर्थिक संपादकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ऐसे लोग जिनके पास बड़ी मात्रा में बेहिसाबी धन है उन्हें कर कानून के तहत परिणाम झेलने होंगे।’’ राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बुधवार को कहा था कि बैंक खातों में ढाई लाख रुपये से अधिक की जमा की कर विभाग छानबीन करेगा। यदि यह आयकर रिटर्न से मेल नहीं खाता है तो कर के अलावा 200 प्रतिशत का जुर्माना लगाया जाएगा।
सरकार ने लोगों को पुराने 500 और 1,000 के नोट 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक जमा कराने की अनुमति दी है। यह पूछे जाने पर कि क्या 500-1000 के नोट के बंद होने से कालाधन समाप्त हो जाएगा, जेटली ने कहा कि यह इसका एकमात्र लक्ष्य नहीं है। यह फैसला कई कदमों को देखते हुए उठाया गया है। इसमें जीएसटी को लागू किया जाना भी शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘काफी निष्क्रिय पड़ी मुद्रा जरूरी नहीं कि पूरी बाजार में आयेगी, इस लिहाज से मुद्रा प्रसार पर दबाव होगा। जीएसटी लागू होने जा रहा है। यह अधिक दक्ष प्रणाली है जिसमें कर चोरी काफी कम होगी और अनुपालन काफी ऊंचा रहेगा। इसके साथ ही प्रत्यक्ष कर दरों को भी तर्क संगत बनाने की दिशा में आगे बढ़ना होगा।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि इस तरह के कदमों का सामूहिक प्रभाव कालाधन धारकों को हतोत्साहित करेगा। यह भविष्य में समाप्त होगा या नहीं मैं आज यह नहीं कह सकता, लेकिन निश्चित रूप से यह हतोत्साहित करने वाला होगा। उन्होंने कहा कि लोगों को थोड़े समय की परेशानी के लिए तैयार रहना चाहिए जिससे भविष्य में एक बेहतर और सुथरा प्रणाली सामने आएगी। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक और अन्य बैंक सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं जिससे लोगों को कम से कम असुविधा हो। जेटली ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि शुरुआती दिनों में भीड़ जमा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि लोगों के पास 30 दिसंबर तक का पर्याप्त समय है।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ दिन परेशानी रहेगी और स्थानीय खरीद प्रभावित होगी। लेकिन मध्यम से दीर्घावधि में हालिया कदमों का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर दिखेगा। जेटली ने कहा कि लघु अवधि में खपत प्रभावित होगी। अभी जो मुद्रा हटाई गई है उसका एक बड़ा हिस्सा लंबे समय से निष्क्रिय था। अगले कुछ सप्ताह में इसके स्थान पर मुद्रा आ जाएगी, तो खपत का मौजूदा स्तर बढ़ेगा।