नयी दिल्ली: सरकार ने आज जनधन खाता धारकों, गृहिणियों व कारीगरों को आगाह किया के वे अपने खातों का इस्तेमाल अघोषित राशि जमा कराने के लिए नहीं होने दें। सरकार का कहना है कि जनधन खातों का दुरूपयोग पाये जाने पर खाताधारक के खिलाफ आयकर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी है और खाताधारकों को सचेत रहने को कहा है।

उलेखनीय है कि सरकार ने नोटबंदी के तहत 500 व 1000 रुपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया है। सरकार ने पुराने नोटों को जमा कराने के लिए 30 दिसंबर तक 50 दिन का समय दिया है। ऐसी रपटें हैं कि लोग अपने कालेधन को सफेद करने के लिए दूसरे लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं। खातों के इस तरह के दुरूपयोग के लिए खाताधारक को कमीशन आदि देने की भी खबरें आ रही हैं।

सरकार ने इससे पहले कहा था कि बैंक खातों में 2.50 लाख रुपये तक की जमाओं की कोई आयकर जांच नहीं होगी क्योंकि यह तो कर छूट के दायरे में आती है। वहीं जनधन खातों के मामले में यह सीमा 50,000 रुपये है। आयकर विभाग के अनुसार लोगों का शायद यह मानना है कि 9 नवंबर से 30 दिसंबर के दौरान 2.50 लाख रुपये तक की जमाओं के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। मंत्रालय ने कहा है, ‘अगर यह साबित हो जाता कि कि खाते में जमा राशि खाताधारक की नहीं थी और खाताधारक ने अपने खाते का दुरूपयोग करने की अनुमति दी है तो आयकर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना लगेगा।’

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