लखनऊ: केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज दावा किया कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से किये जा रहे उपायों के फलस्वरूप अगले 15 से 20 साल में भारत को ‘‘आर्थिक महाशक्ति’’ बनने से कोई रोक नहीं सकता। राजनाथ ने यहां इंडियन कामर्स एसोसिएशन के 69वें वार्षिक सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं दो, चार या पांच साल की बात तो नहीं कहता लेकिन अपनी छोटी समझ के आधार पर हमारा भरोसा पक्का होता जा रहा है कि जिस दिशा में हम अर्थव्यस्था को आगे ले जा रहे हैं, यदि इसी तरह चलती रही तो 15 से 20 वर्ष में भारत को ‘सुपर इकानामिक पावर’ के रूप में उभरने से कोई ताकत नहीं रोक सकती।’’
उन्होंने कहा कि 2014 के बाद हम डंके की चोट पर कह रहे हैं कि भारत दुनिया का ऐसा देश है, जिसकी अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से तेजी से बढ़ रही है। जीडीपी वृद्धि दर 7.9 प्रतिशत पहुंच चुकी है और ‘‘मुझे पूरा यकीन है कि कुछ वर्ष में जीडीपी दोहरे अंक में हो जाएगी।’’ राजनाथ ने कहा कि दुनिया भर से निवेशक भारत में आ रहे हैं। वैश्विक व्यापार में मंदी के बावजूद 2015-16 में सबसे अधिक निवेश यदि कहीं हुआ तो भारत में हुआ। दुनिया के लोगों के लिए भारत निवेश का पसंदीदा गंतव्य बन गया है।
आर्थिक मोर्चे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2017 से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हो जाएगा। इससे नयी कर व्यवस्था लागू होगी। अलग अलग राज्यों के अलग अलग टैक्स होने से कठिनाइयां पैदा होती थीं। स्वाभाविक रूप से वह दूर होंगी। कर वसूली बढ़ेगी तो सरकार की आय बढ़ेगी। इससे जीडीपी भी 1.5 से लेकर दो प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है।
राजनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी या उनकी सरकार के किसी मंत्री पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा। आप ये सवाल पूछ सकते हैं कि ये बताइये कि क्या आपने पूरी प्रशासनिक व्यवस्था से भ्रष्टाचार समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं दावा नहीं कर रहा हूं। कुछ बदलाव और करने होंगे पर एक बात साफ हो गयी शिखर पर भ्रष्टाचार नहीं है। गंगोत्री पवित्र हो गयी तो इससे निकलने वाली गंगा तो पवित्र होगी ही। अधिक से अधिक पारदर्शिता कैसे लायी जाए, इसका प्रयास हो रहा है।’’
विदेश व्यापार के बारे में उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार इस समय मंदी के दौर से गुजर रहा है। दुनिया का कोई देश इस मंदी से अछूता नहीं रह सकता। आर्थिक मंदी का असर भारत पर भी है लेकिन भारत का विदेश व्यापार 640 अरब डालर है। गृह मंत्री ने कहा कि सरकार बनते ही तय कर लिया गया था कि निर्यात बढ़ाना है। व्यापार घाटे का सिलसिला समाप्त होना चाहिए। हम चाहते हैं कि भारत व्यापार सरप्लस की ओर बढ़े। विश्व व्यापार में अभी भारत की 1.6 प्रतिशत हिस्सेदारी है जिसे बढ़ाकर दो से ढाई प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था में प्रक्रियागत एवं प्रणालीगत बदलाव किये हैं और अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता लाने की कोशिश की है। जिस तरह के बदलाव किये, उससे व्यापार करने के लिए सहज माहौल (ईज आफ डुइंग बिजनेस) कुछ वर्ष में बन जाएगा।
राजनाथ ने मोदी सरकार की ओर से युवाओं को रोजगार, कौशल विकास, स्टार्ट अप, मेक इन इंडिया, फसल बीमा सहित किसानों की योजनाओं का उल्लेख किया और कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने सरकार बनने के साथ ही कहा था कि हम ऐसी योजनाएं लागू करेंगे कि 2022 आते आते देश के किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी।’’ उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र के योगदान को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि अभी ये 14 प्रतिशत है। इसे बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।