अहमदाबाद. गुजरात में चुनावी गहमागहमी के बीच युवा दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने आज दोहराया कि वह दलितों के मुद्दों पर राहुल गांधी से बातचीत कर सकते हैं पर कांग्रेस पार्टी अथवा किसी राजनीतिक दल से न तो जुड़े हैं और ना जुडेंग़े. उन्होंने कहा कि वह राज्य में दलितों से जुडे मुद्दों पर कांग्रेस से चर्चा और इसका रूख जानने के लिए पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से बातचीत कर सकते हैं पर इसके लिए अब तक कोई तिथि तय नहीं हुई है. मेवाणी ने यहां पत्रकारों से कहा कि लोकतंत्र में बातचीत की अहम भूमिका होती है. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि वह जब गांधी कहेंगे तब वह दलित नेताओं के साथ खुलेआम मिलेंगे. यह मुलाकात गुजरात अथवा गुजरात से बाहर भी हो सकती है, पर यह खुलेआम होगी, चोरी छिपे नहीं. उन्होंने बाद में कहा कि कांग्रेस अगर गुजरात में 47 लाख दलितों के वोट चाहती है तो उसे उनसे जुडे मुद्दों पर रुख स्पष्ट करना होगा. मेवाणी ने यह आरोप दोहराया कि दलितों के प्रश्नों पर राज्य की भाजपा सरकार बातचीत तक नहीं करती. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले साल के उना दलित पिटाई कांड के पीडितों को अब तक घोषित सहायता नहीं मिली है. मेवाणी ने दलितों से जुडे मुद्दों पर एक 17 सूत्री मांग सूची भी पेश की. ज्ञातव्य है कि कांग्रेस ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश को इसके साथ आने का न्यौता दिया था. इनमें से अल्पेश कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. हार्दिक के भी कांग्रेस को समर्थन देने की पूरी संभावना है. जिग्नेश ने पहले भी कहा था कि वह कांग्रेस में नहीं जुडेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि वह कांग्रेस समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड सकते हैं. श्री गांधी कल से तीन दिन के गुजरात दौरे पर हैं पर अब तक श्री मेवाणी से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है. मेवाणी ने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव भी नहीं आया है. उन्होंने हालांकि यह कहा कि मुलाकात कभी भी हो सकती है.
गुजरात: राहुल से बात कर सकते हैं जिग्नेश, लेकिन राजनीतिक दलों से बनाए रहेंगे दूरी
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