नई दिल्ली। भारत का चालू खाता घाटा (CAD) मौजूदा वित्त वर्ष में 40 अरब डॉलर यानी देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 1.5% रहने का अनुमान है। जापान की वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा के एक अध्ययन में कहा गया है कि भारत का चालू खाता घाटा तेजी से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही के अंत में यह 14.3 अरब डॉलर रहा जो GDP का 2.4% है। आम भाषा में चालू खाते के घाटे का अर्थ विदेशी मुद्रा के देश में प्रवाह और निकासी के बीच का अंतर होता है। रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई-सितंबर में चालू खाता घाटा GDP का 1.6% रहने और छमाही आधार पर अप्रैल-सितंबर अवधि में इसके GDP के दो प्रतिशत रहने का अनुमान है। नोमुरा ने अपने एक शोध नोट में कहा है कि, पूरे साल के लिए हमें इसके 40 अरब डॉलर या GDP के 1.5% रहने का अनुमान है जो वित्त वर्ष 2016-17 के स्तर से 0.7% अधिक है। यह भी पढ़ें : ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैंकिंग को और बेहतर बनाएगा GST, टॉप-50 में आना है अब लक्ष्‍य यह भी पढ़ें : मोदी राज में रसोई गैस की कीमतों में अबतक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी, 94 रुपए महंगा हो गया सिलेंडर

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