नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये बैंकों को पांच हजार करोड़ रुपए का चूना लगाने के आरोप में कारोबारी गगन धवन को गिरफ्तार किया है।

ईडी सूत्रों के अनुसार, धवन पर कई नौकरशाहों और नेताओं के काले धन को सफदे करने का आरोप है। उसे जांच में सहयोग नहीं करने पर गिरफ्तार किया गया है। यह मामला गुजरात के वडाेदरा औषधि कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड और कुछ अन्य हवाला सौदों से जुड़ा है। केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) ने कंपनी पर धोखाधड़ी के मामले में जो दस्तावेज बरामद किए थे, उनमें धवन का नाम भी सामने आया था।
बताया जा रहा है धवन के पास से जो दस्तावेज बरामद किए गए हैं, उनके बारे में अभी विस्तृत विवरण नहीं मिल पाया है । सूत्रों ने बताया कि धवन को अदालत में पेश किया जायेगा।

सूत्रों ने बताया कि धवन को आज सुबह धनशोधन रोधी कानून(पीएमएल) की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कया गया है। धवन बायोटेक कंपनी से संबंधित रिण धोखाधड़ी तथा इसी किस्म के कुछ अन्य लेनदेन के कारण जांच एजेंसियों के राडार पर था।

सीबीआई ने हाल में स्टर्लिंग बायोटेक और उसके निदेशकों चेतन जयंतीलाल संदेसरा, दीप्ति चेतन संदेसरा,नितिन जयंतीलाल संदेसरा, विलाश जोशी और राजभूषण ओमप्रकाश दीक्षित के अलावा चार्टर्ड एकाउटेंट हेमंत हाथी, आंध्रा बैंक के पूर्व निदेशक अनूप गर्ग और कुछ अग्यात लोगों के विरुद्ध कथित बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

निदेशालय ने कालाधन सफदे करने की सूचना मिलने पर अगस्त में दिल्ली के पूर्व कांग्रेस विधायक सुमेश शौकीन और धवन के 12 ठिकानों पर छापे मारे थे। इनमें वसंत कुंज, ईस्ट आफ कैलाश,बाराखंबा और चाणक्यपुरी आदि शामिल थे।

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