रांची। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड को स्वच्छ बनाने के संकल्प को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। इसका ही प्रतिफल है कि स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है। स्वच्छ सर्वेक्षण, 2018 में झारखंड को पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत व्यक्तिगत शौचालयों, यूरिनलों एवं सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। शौचालयों के निर्माण एवं उत्प्रेरण में सखी मंडलों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। स्वच्छता के प्रति महिलाओं के इस योगदान ने एक अभियान का रूप धारण कर लिया है। राज्य में महिलाओं को प्रशिक्षण देकर रानी मिस्त्री बनाया गया है। रानी मिस्त्री राज्य में शौचालय निर्माण में भूमिका निभा रही हैं। रानी मिस्त्री की इस अवधारणा को केंद्र सरकार द्वारा सराहा गया है, यह झारखंड के लिए गौरव की बात है।

विकास में युवा निभायें भूमिका : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 15 नवंबर का दिन दोहरी खुशी लेकर आता है। आज के दिन भगवान बिरसा मुंडा ने इस पावन भूमि में जन्म लेकर हमें धन्य किया था और आज ही के दिन उनके सम्मान में अलग झारखंड राज्य का गठन हुआ था। राज्यपाल ने कहा कि 18 सालों में विकास के नये आयाम स्थापित किये गये हैं। झारखंड ने राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। आज झारखंड देश में ही नहीं, विश्व क्षितिज पर भी एक उदीयमान सितारे की तरह अपनी चमक बिखेर रहा है। राज्य की जनता को भी सरकार से बहुत सी अपेक्षाएं हैं, जिन्हें पूर्ण करने के लिए हम सभी तत्पर हैं।

समस्याओं का निदान मिल कर करना सार्थक होगा
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी, बेरोजगारी, पलायन जैसी चुनौतियों का निदान सभी को मिलकर करना होगा। शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण सुधार के लिए कॉलेजों के छात्र-छात्राओं के लिए चांसलर पोर्टल का शुभारंभ किया गया है। राज्य में बेरोजगारी एवं पलायन की समस्या को दूर करने के लिए सरकारी क्षेत्र में रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए सरकार द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी के द्वारा युवाओं को हुनरमंद बनाया जा रहा है। साथ ही स्वरोजगार को बढ़ावा देने पर सरकार जोर दे रही है।

स्वावलंबी होंगी महिलाएं, तो सशक्त होगा राज्य : राज्यपाल ने कहा कि राज्य की महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से उन्हें आजीविका मिशन से जोड़ कर गरीबी के कुचक्र से बाहर निकालने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। इस क्रम में महिलाओं का कौशल विकास कर, वित्तीय समावेशन के माध्यम से आसान शर्तों पर बैंक ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वह विकास के रास्ते पर बढ़ रही हैं।

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