रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि नये साल में झारखंड में मुख्यमंत्री सुकन्या योजना का शुभारंभ किया जायेगा। इस योजना को लागू करने की पूरी तैयारी चल रही है। एक जनवरी से इस योजना का लाभ सामाजिक-आर्थिक, जातीय जनगणना के तहत आनेवाले 26 लाख परिवार की बच्चियों को मिलेगा। जन्म से लेकर 18 वर्ष तक की बच्चियों को शिक्षा के साथ-साथ अन्य आर्थिक, सामाजिक विकास के लिए राज्य सरकार समय-समय पर वित्तीय सहायता उपलब्ध करायेगी। बच्चियों के सहायतार्थ मिलनेवाली राशि का भुगतान सीधे डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक एकाउंट में किया जायेगा।
मुख्यमंत्री बुधवार को झारखंड मंत्रालय में आयोजित बाल विवाह उन्मूलन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य से गरीबी, पलायन, अशिक्षा, कुपोषण, बाल विवाह आदि कुव्यवस्था को समूल नष्ट करना सरकार की प्राथमिकता है। सरकारी-गैर सरकारी तंत्र और पंचायती राज की संरचनाओं में आपसी समन्वय स्थापित कर इस कुव्यवस्था को मिटाया जा सकता है। सभी स्वयंसेवी संस्थाएं जिलों के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बाल विवाह के खिलाफ मुहिम चलायें। लोगों को जागरूक कर ही इस मुहिम में सफलता पायी जा सकेगी।
पांच जिलों में बाल विवाह के ज्यादा मामले
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोड्डा, देवघर, कोडरमा, गिरिडीह और पलामू के ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह के ज्यादा मामले सामने आये हैं। इन जिलों में बाल विवाह उन्मूलन के प्रति फोकस करना हम सभी की जिम्मेवारी है। इन जिलों में बाल विवाह की रोकथाम के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है। बाल विवाह महिला एवं पुरुष दोनों के लिए हानिकारक है। बाल विवाह शारीरिक और मानसिक तनाव का बड़ा कारण है। बाल विवाह से मातृत्व मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में बढ़ोतरी होती है। सीएम ने कहा कि चार वर्ष में मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आयी है, लेकिन अभी और कार्य करने की जरूरत है। इस कलंक को जड़ से मिटाने की आवश्यकता है।
हर क्षेत्र में बेटियों ने लहराया परचम
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य सरकार नारी सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाओं के विकास के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं। राज्य में बच्चियों का ड्रॉप आउट रोकना सरकार की प्राथमिकता है। बच्चियों को भी उच्च शिक्षा प्राप्त हो, इसके लिए शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी कार्य किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि वर्तमान समय में सभी क्षेत्रों में लड़कियों ने परचम लहराया है। उन्होंने अपील की कि लड़कियों की भी परवरिश लड़कों की तरह करें। देश की मातृत्व शक्ति में अपार क्षमता है।
प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है सरकार: लुइस
समाज कल्याण मंत्री लुइस मरांडी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के अभाव के कारण बाल विवाह जैसी कुरीतियां समाज में व्याप्त हैं। शिक्षित समाज के निर्माण से ही बाल विवाह को रोकने में कामयाब हो सकेंगे। राज्य सरकार गांव-गांव में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। समाज में बच्चियों को भी उच्च शिक्षा प्राप्त कराना हम सभी की जिम्मेदारी होनी चाहिए। लड़कियों में शिक्षा का अलख जगाना होगा, तभी विकसित और समृद्ध राज्य का निर्माण हो सकेगा।
सीएम ने किया पुस्तिका का विमोचन
मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा बाल विवाह उन्मूलन के लिए कार्य योजना नामक पुस्तिका का भी विमोचन किया गया। मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी एवं विकास आयुक्त डीके तिवारी ने भी बाल विवाह उन्मूलन पर प्रकाश डाला।
इनकी रही मौजूदगी : शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, सचिव डॉ अमिताभ कौशल, हिमानी पांडेय, प्रवीण टोप्पो, यूनिसेफ इंडिया हेड डॉ यासमीन अली हक, झारखंड हेड डॉ मधुलिका जोनाथन सहित अन्य उपस्थित थे।