रांची। अगर आपकी शादी 30 नवंबर के बाद हो रही है और समारोह को यादगार बनाने के लिए रात में ड्रोन कैमरे से फोटो लेने की प्लानिंग की है, तो आपके योजना पर पानी फिर सकता है। क्योंकि पूरे देश में एक दिसंबर से ड्रोन नीति लागू हो रही है। इसके बाद रात में ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
नजदीकी थाने को 24 घंटे पहले देनी होगी सूचना
दिन में भी शादी समारोह, सार्वजनिक कार्यक्रम, पर्यटन स्थलों पर ड्रोन से फोटो लेना आसान नहीं होगा। ड्रोन उड़ाने से पहले जिले के डीसी और एसपी से अनुमति लेनी होगी। साथ ही, नजदीकी थाने को 24 घंटे पहले सूचना देनी होगी। अनुमति मिलने के बाद ड्रोन नीति के गाइडलाइन के तहत ड्रोन से फोटो ले सकेंगे। पुलिस को बिना सूचना दिए अगर ड्रोन उड़ाते पकड़े गए, तो जुर्माना और सजा हो सकती है। झारखंड में डीसी और एसपी की अनुमति से 250 ग्राम तक के ड्रोन उड़ाए जा सकेंगे। भारत सरकार के विमानन मंत्रालय ने कृषि, स्वास्थ्य और आपदा राहत जैसे कार्यों को लेकर ड्रोन नीति तय की है।
झारखंड में प्रभावी ढंग से ड्रोन नीति का अनुपालन
झारखंड में प्रभावी ढंग से ड्रोन नीति का अनुपालन हो, इसको लेकर गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने अफसरों के साथ बैठक की। जिसमें एडीजी आरके मल्लिक सहित गृह विभाग के अफसर, कई जिलों के डीसी और एसपी शामिल हुए। जिन जिलों के डीसी-एसपी बैठक में शामिल नहीं हुए, उनसे वीडियो कांफ्रेंसिंग से बातचीत की गयी।
डीजीसीए ने बनाया रेड, येलो और ग्रीन जोन
डीजीसीए ने रेड, येलो और ग्रीन जोन बनाया है। रेड लोन वीवीआईपी इलाके होंगे। यह इलाका किसी भी तरह से ड्रोन के लिए प्रतिबंधित होगा। येलो जोन में एसपी और डीसी की अनुमति लेनी होगी, जबकि ग्रीन जोन मुक्त होगा। नियम की अवहेलना करने वालों पर एक हजार रुपए जुर्माना या तीन माह की सजा का प्रावधान है। इसकी निगरानी के लिए हर जिले में टेक्नो फ्रेंडली नोडल पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति होगी।
रजिस्ट्रेशन के बाद सिर्फ दिन में उड़ा सकेंगे ड्रोन
नयी नीति के अनुसार ड्रोन को केवल दिन के समय में ही उड़ाया जा सकेगा। उसे 400 फीट की ऊंचाई से ज्यादा नहीं उड़ा सकते है। डीजीसीए ने रिमोटली पायलेट एयरक्राफ्ट (आरपीए) को एक मानव रहित विमान के रूप में दूरस्थ पायलट स्टेशन से संचालित होने वाले के तौर पर परिभाषित किया है। ड्रोन को उड़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा और इसका एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूआईएन) भी होगा।
लाइसेंस लेना जरूरी
लाइसेंस लेने के लिए आपकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए, आवेदक को 10वीं पास के साथ ही अंग्रेजी जानना भी जरूरी रखा गया है। आपके पास डीजीसीए के नियमों के मुताबिक व्यावहारिक प्रशिक्षण भी होना जरूरी है। मानवरहित एयरक्राफ्ट ऑपरेटर परमिट (यूओपी), रिमोटली एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) ऑपरेटर्स के लिए जरूरी होगा।
ड्रोन कैटेगरी
नैनो : 250 ग्राम तक
माइक्रो : 250 ग्राम से 2 किलोग्राम तक
स्मॉल : 2 किलोग्राम से 25 किलोग्राम तक
मीडियम : 25 किलोग्राम से 150 किलोग्राम तक
लार्ज : 150 किलोग्राम से अधिक।
क्या है नियम : असैन्य ड्रोन दिन में ही उड़ेगा
सभी असैन्य ड्रोन को सिर्फ दिन के समय ही उड़ाया जा सकेगा। डीजीसीए ने स्पष्ट किया है कि कोई भी दूरस्थ पायलट किसी भी समय एक से अधिक आरपीए संचालित नहीं कर सकता है। थर्ड पार्टी के नुकसान को कवर करने के लिए इंश्योरेंस भी कराना होगा। दुर्घटना की रिपोर्ट डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के जरिए अपने ड्रोन की डिटेल सहित तुरंत निदेशक, एयर सेफ्टी को देनी होगी।
नो ड्रोन जोन
एयरपोर्ट, तटीय सीमा, अंतर्राष्ट्रीय सीमा, मिलिट्री, स्ट्रेटजिक लोकेशन्स और सचिवालय आदि इलाकों में ड्रोन नहीं उड़ाया जा सकता है। राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्य के आसपास, पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्रों में भी पूर्व अनुमति के बिना नहीं उड़ाया जा सकता।