रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस द्वारा दर्ज आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अर्नब गोस्वामी के खिलाफ एफआईआर का मूल्यांकन करने से उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए कोई अभियोग स्थापित नहीं होता है।
एफआईआर पर प्रथम दृष्टया विचार, आरोपों की प्रकृति और गोस्वामी के खिलाफ आरोप के स्तर पर हाईकोर्ट ने ध्यान नहीं दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले में जमानत नहीं देकर गलती की है।