मंडला मकरविलक्कू वार्षिक तीर्थयात्रा के शुरू होने के बाद पथानमथिट्टा स्थित सबरीमाला अय्यप्पा भगवान के मंदिर में ‘शरण अय्यप्पा’ मंत्र गूंज उठा। रविवार शाम को खुले मंदिर में सोमवार की सुबह तीर्थयात्रियों को प्रवेश की अनुमति मिली। सुबह 3 बजे से श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के दरवाजे खुले और पहले दो घंटे में 352 भक्तों ने मंदिर में प्रवेश कर पूजा-अर्चना की।
कोरोना संकट को देखते हुुए मंदिर में त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के अधिकारी कड़ाई से प्रत्येक श्रद्धालु से प्रोटोकॉल का पालन करवा रहे हैं। कई अन्य राज्यों के तीर्थयात्री भी मंदिर  पहुंचे। मंदिर में श्रद्धालुओं को सोपानम जैसी जगहों पर समय बिताने की अनुमति है। इससे पहले, तीर्थयात्रियों को केवल कुछ समय के लिए सोपानम में रहने की अनुमति थी।
उल्लेखनीय है कि अयप्पा मंदिर रविवार शाम 5 बजे मंडला मकरविलक्कू वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए खोला गया और मंदिर के मुख्य पुजारी एके सुधीर नंबुथिरी ने गर्भगृह का दरवाजा खोल तांत्री कंदरारु राजीवरु की उपस्थिति में दीपक जलाए।
सबरीमाला में यह यात्रा दो महीने तक चलेगी। प्रत्येक श्रद्धालु को यात्रा के 24 घंटों के भीतर कोरोना निगेटिव का प्रमाणपत्र देना होगा। जो लोग यह प्रमाणपत्र नहीं ला रहे हैं, उन्हें निलाक्कल में स्थित कोरोना कियॉस्क में परीक्षण करवाना होगा।
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