• समारोह : झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस का हुआ आयोजन

आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड विधानसभा का 22वां स्थापना दिवस समारोह का मंगलवार को आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल रमेश बैस ने किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। इस मौके पर राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड राज्य का निर्माण किया। वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड अलग राज्य को गुरुजी यानी शिबू सोरेन के संघर्ष का प्रतिफल बताया। कार्यक्रम में माले विधायक विनोद कुमार सिंह को उत्कृष्ट विधायक के सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अलावा शहीदों को सम्मान दिया गया। राज्य के खिलाड़ियों और छात्रों को पुरस्कृत किया गया।

समारोह में इन्हें किया गया सम्मानित
बिरसा मुंडा उत्कृष्ट विधायक के रूप में भाकपा माले के विधायक विनोद कुमार सिंह को सम्मानित किया गया। कपिलेश्वर प्रसाद उत्कृष्ट विधान-कर्मी के रूप में संयुक्त सचिव धनेश्वर राणा, निजी सहायक अमित कुमार दास, वरीय सचिवालय सहायक अनवारूल हक अंसारी, चालक हेमंत कुमार चौरसिया और अनुसेवक अजित नारायण को सम्मानित किया गया।
राज्य और देश के लिए खेल के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए लॉन बॉल खिलाड़ी रूपा रानी तिर्की और लवली चौबे तथा फीफा अंडर-17 विश्व कप फुटबॉल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली झारखंड की अष्टम उरांव, पूर्णिमा कुमारी, नीतू लिंडा, अंजलि मुंडा, अनिता कुमारी और सुधा अंकिता तिर्की को इस अवसर पर सम्मानित किया गया। इंटरमीडिएट परीक्षा- 2022 में टॉपर मानसी साहा (कला), प्रिया कुमारी (विज्ञान) और निक्की कुमारी (वाणिज्य) के साथ मैट्रिक में संयुक्त रूप से टॉपर रहे अभिजीत शर्मा, तन्नू कुमारी, तान्या साह, रिया कुमारी, निशा वर्मा और नीतू कुमारी को सम्मानित किया गया।
देश के लिए वीरगति को प्राप्त सैन्य अधिकारियों, जवानों, नक्सल अभियान में शहीद सुरक्षाबलों के जवानों और सैनिकों को इस अवसर पर सम्मानित किया गया। उनके परिजनों को यह सम्मान दिया गया।

पुस्तकों और पत्रिका का हुआ लोकार्पण
विधानसभा स्थापना दिवस समारोह में विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो द्वारा लिखित पुस्तक ‘संसदीय दायित्व के तीन वर्ष’, विधानसभा की त्रिमासिक पत्रिका ‘उड़ान’ के अलावा ‘राज्यपाल का अभिभाषण’ और ‘वित्त मंत्री का बजट भाषण’ पुस्तक का मंच पर मौजूद अतिथियों ने विमोचन किया।

आत्म-अवलोकन एवं आत्म-चिंतन का भी दिन: राज्यपाल
राज्यपाल रमेश बैस ने स्थापना दिवस पर राज्य के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के तहत झारखंड राज्य का गठन देश के 28वें राज्य के रूप में हुआ। मैं इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को स्मरण करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूं, जिन्होंने जन-आकांक्षाओं को देखते हुए एवं इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से झारखंड राज्य का निर्माण किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन आप सभी के लिए आत्म-अवलोकन एवं आत्म-चिंतन का भी दिन है। लोकतंत्र के इस मंदिर ने जन-अपेक्षाओं को पूर्ण करने की दिशा में कहां तक सफलता अर्जित की है और आगे किन क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, यह देखना होगा। राज्यपाल ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की मर्यादा और विश्वसनीयता अक्षुण्ण रखना सभी जन प्रतिनिधियों का दायित्व है, क्योंकि उनके आचरण और व्यवहार पर ही प्रतिनिधि संस्थाओं की गरिमा निर्भर करती है। हमारे विधायक प्रतिनिधि संस्थाओं के सदस्य होने के नाते विधान सभा की प्रतिष्ठा और मर्यादा को और उच्च करने में योगदान दें। सदन में बैठकों की कम होती संख्या और कार्यवाही में बढ़ते अवरोध आज चिंता के विषय हैं, जिन पर सोचने और आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है। जनता के भरोसे पर खरा उतरने के दायित्व के प्रति जन प्रतिनिधियों को हमेशा संवेदनशील रहना चाहिए।

सत्ता पक्ष जितनी ही अहम है विपक्ष की भूमिका : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज उत्साह का दिन है। हम लोगों के लिए गौरव की बात है कि हमलोग झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस मना रहे हैं। झारखंड बिहार से अलग होने से पहले झारखंड के आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्गों का काफी शोषण हुआ। आदरणीय दिशोम गुरुजी के लंबे संघर्ष के बाद सन 2000 में झारखंड राज्य मिला। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च पंचायत के रूप में हम लोगों को विधानसभा मिली। हेमंत सोरेन ने कहा कि विधानसभा राज्य की सर्वोच्च पंचायत है। यहां सभी सदस्यों को एक समान मान्यता है। जितनी सत्ता पक्ष की भूमिका अहम है, उतनी ही विपक्ष की भी। दोनों के सहयोग से ही राज्य को नयी दिशा मिल सकती है। उन्होंने कहा कि अलग राज्य और अलग विधानसभा गठन के बाद पिछले 22 सालों में राज्य और राज्य की जनता के लिए हमने क्या किया और आगे क्या किया जाना चाहिए, इस पर मंथन करने की जरूरत है। सभी को मिल-जुल कर कार्य करने की जरूरत है, ताकि राज्य को और बेहतर और मजबूत बनाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भी यहां के आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक, पिछड़ा और कमजोर वर्ग अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमारी जिम्मेवारी बनती है कि इनके प्रति पूरी संवेदना के साथ कार्य करते हुए उन्हें मुख्यधारा में लाने का प्रयास करें। इन सभी के कल्याण से ही राज्य का सम्यक विकास और खुशहाली संभव है।

विधानसभा को राष्ट्रीय पटल पर पहचान मिली : अध्यक्ष
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में झारखंड विधानसभा ने जिन संसदीय परंपराओं का निर्वहन किया है, उसे राष्ट्रीय पटल पर भी पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जिस झारखंड के नवनिर्माण का सपना देखा था, उसे पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, यह संकल्प लें।

विधानसभा अध्यक्ष ने 27.09 लाख रुपये सीएम राहत कोष में दिये
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने अपनी लिखित पुस्तक ‘विचारों के 11 अध्याय’ के रॉयल्टी के तौर पर प्राप्त 27 लाख नौ सौ रुपये की राशि का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए मुख्यमंत्री को सौंपा। वहीं, उत्कृष्ट विधायक के सम्मान से नवाजे गये विनोद कुमार सिंह ने सम्मान राशि को अपने विधानसभा क्षेत्र के महाविद्यालयों में पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने के लिए देने की घोषणा की।

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