आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार को झारखंड मंत्रालय में नयी उत्पाद नीति के तहत राजस्व संग्रहण एवं इसकी क्रियान्वयन की विस्तृत समीक्षा की गयी। मुख्यमंत्री ने उत्पाद दुकान संचालकों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उत्पाद दुकानों में कार्यरत कर्मियों का बकाया वेतन भुगतान अविलंब करें। मैन पावर सप्लाई एजेंसी यह सुनिश्चित करे कि खुदरा उत्पाद दुकानों में कार्यरत कर्मियों का वेतन बकाया न रहे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उत्पाद दुकान संचालकों से कहा कि अगले 15 दिनों के भीतर कार्यशैली में सुधार लाएं अन्यथा राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।
राजस्व संग्रह में सुधार का निर्देश : मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पाद राजस्व संग्रहण घटने की क्या वजह है इसके मुख्य बिंदुओं पर जल्द से जल्द सुधार की जाये। उत्पाद राजस्व संग्रहण का जो वार्षिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसे अगले 4 महीनों के भीतर हर हाल में पूरा करें। उन्होंने कहा कि नयी उत्पाद नीति का उद्देश्य राजस्व में वृद्धि करना है। राजस्व वृद्धि में कमी के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने मानव प्रदाता एजेंसी के सभी प्रतिनिधि को कड़ी फटकार लगायी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 15 दिनों के अंदर पुन: समीक्षा की जायेगी। स्थिति में यथोचित सुधार नहीं होने पर सभी एजेंसी के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व संग्रहण में शिथिलता बरतने वाले एजेंसियों, थोक विक्रेताओं एवं पदाधिकारियों को बख्शा नहीं जायेगा।
मॉनिटरिंग सिस्टम डिवेलप करें : हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि खुदरा उत्पाद दुकानों की निरंतर मॉनिटरिंग की जाये। सरकारी खुदरा मदिरा दुकानों में किसी भी प्रकार से अवैध शराब की बिक्री न हो यह सुनिश्चित करें। शराब के अवैध कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करें। खुदरा उत्पाद दुकानों का लगातार निरीक्षण करें। सभी खुदरा उत्पाद दुकानों का लक्ष्य निर्धारित करें। उत्पाद राजस्व संग्रहण लक्ष्य के अनुरूप होनी चाहिए। सभी खुदरा उत्पाद दुकानों के बाहर रेट लिस्ट डिस्प्ले लगायें। ओवरप्राइसिंग के संबंध में कार्रवाई सुनिश्चित करें। एक्साइज कंट्रोल रूम को सशक्त बनायें। आम जनता का शिकायत मिलने पर विभाग तथा संचालक संयुक्त रूप से शिकायतों की जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
राज्य सरकार हर संभव सहयोग करेगी
मुख्यमंत्री ने सभी एजेंसियों को यह भी आश्वस्त किया कि राजस्व संग्रहण से संबंधित किसी भी कार्रवाई में राज्य प्रशासन के द्वारा उन्हें हर प्रकार से सहयोग उपलब्ध कराया जायेगा। मुख्यमंत्री ने थोक विक्रेताओं को भी निर्देशित किया कि मांग के अनुरूप सभी वांछित पैक साइज की मदिरा उपलब्ध करायें, ऐसा नहीं करने पर उनके विरुद्ध भी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। बैठक में मुख्य सचिव ने मानव प्रदाता एजेंसियों को निर्देशित किया कि वे विक्रेताओं का लंबित वेतन का भुगतान 15 दिसंबर तक अवश्य कर दें। उन्होंने झारखंड राज्य विबरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को भी निर्देशित किया कि वे तकनीकी आधारभूत संरचना तथा विनिर्माणशालाओं में बूम वैरियर एवं दुकानों में सीसीटीवी अधिष्ठापन की कार्रवाई को शीघ्रता पूर्ण कराएं ताकि राजस्व क्षरण का कोई भी बिंदु अणछुआ न रह जाये। बैठक में उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 तक के माह नवंबर तक के कुल लक्ष्य 1600 करोड़ रुपये के विरुद्ध राज्य कोषागार में 1084 करोड़ रुपए ही जमा हुए हैं, जो कि माह नवंबर तक के लक्ष्य का लगभग 68% है। उन्होंने बताया कि अक्टूबर में बिक्री लक्ष्य की प्राप्ति नहीं की गयी थी, जिस कारण से मानव प्रदाता एजेंसियों पर नियमानुसार 18.22 करोड़ रुपये का अर्थदंड अधिरोपित करते हुए इसकी वसूली की कार्रवाई की जा रही है। बैठक में मुख्य सचिव, उत्पाद सचिव, आयुक्त उत्पाद, विभाग के वरीय पदाधिकारी एवं खुदरा उत्पाद दुकानों के मानव प्रदाता एजेंसी के निदेशक तथा राज्य अंतर्गत कार्यरत थोक विक्रेता उपस्थित थे।