रांची। राज्य में अब भी 9322 गांव और टोले ऐसे हैं, जहां बिजली नहीं है। इनमें से कुछ टोलों और गांवों में आंशिक विद्युतीकरण हुआ है, जबकि कुछ टोले ऐसे हैं, जहां अभी भी पूर्ण विद्युतीकरण नहीं हो पाया है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो पूर्ण अविद्युतीकृत टोलों की संख्या 2817 है, जबकि आंशिक रूप से अविद्युतीकृत टोलों और गांवों की संख्या 4980 है। वहीं, ऐसे शहरी क्षेत्र, जहां आंशिक विद्युतीकरण है, उनकी संख्या 1525 है, जबकि पूर्ण विद्युत रहित टोलों या गांवों में ऐसे घरों की संख्या 70,607 है। वहीं, आंशिक विद्युतकृत गांवों या टोलों में बिजली रहित घरों की संख्या 126185 है, जबकि शहरी क्षेत्र में 41773 घरों में बिजली नहीं है। ऐसे में कुल विद्युत रहित घरों की संख्या 238565 है।
अब राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री उज्ज्वल झारखंड योजना की शुरुआत कर इन गांवों और टोलों में विद्युतीकरण करने की योजना बनायी है। इसके लिए राशि स्वीकृति भी कर ली गयी है। बता दें कि 15 नवंबर को राज्य सरकार की ओर से इस योजना की घोषणा की जायेगी।
1485.39 करोड़ की राशि स्वीकृत
मुख्यमंत्री उज्ज्वल झारखंड योजना के लिए राज्य सरकार की ओर से 1485.39 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है। कैबिनेट की बैठक में योजना पर मुहर लगायी गयी। योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के अविद्युतीकृत टोलों-घरों और शहरी क्षेत्र के हुए अविद्युतीकृत स्थानों को विद्युतीकृत किया जाना है। योजना के लिए जेबीवीएनएल की ओर से डीपीआर तैयार कर लिया गया है। इसके लिए सभी जिलों के उपायुक्तों से सूची मांगी गयी थी, जिसके आधार पर योजना तैयार की गयी है।
किस मद में होगा कितना खर्च
राज्य सरकार ने 1485 करोड़ रुपये किस किस श्रेणी के विद्युतीकरण के लिए खर्च किया जाना है, इसकी सूची तैयार की है। इसके तहत पूर्ण विद्युतरहित 2817 टोलों में 483.32 करोड़ खर्च किया जाना हैै। पूरी तरह से अविद्युतीकृत टोलों के विद्युतीकरण की लागत प्रति घर 22.500 रुपये है, जिसमें बिजली के खंभों तक नेटवर्क संवर्धन लागत (डीटी. एचटी, और एलटी) शामिल है। वहीं, आंशिक विद्युत रहित टोलों में 781.39 करोड़ रुपए खर्च किया जाना है. जिसमें आंशिक रूप से विद्युतीकृत टोलों में प्रति घर 11.250 रुपये से अधिक नहीं होगी। शहरी क्षेत्र के विद्युत रहित टोलों में 197.55 करोड़ खर्च किया जाना है।