Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, June 1
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»अन्य खबर»इतिहास के पन्नों में 09 नवंबरः जूनागढ़ रियासत के नवाब की एक न चली
    अन्य खबर

    इतिहास के पन्नों में 09 नवंबरः जूनागढ़ रियासत के नवाब की एक न चली

    shivam kumarBy shivam kumarNovember 8, 2024No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    देश-दुनिया के इतिहास में 09 नवंबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख देश के बंटवारे के भारत में रियासतों के विलय लिए खासतौर पर जूनागढ़ रियासत के लिए खास है। जूनागढ़ गुजरात में है। जब देश आजाद हुआ तो यहां के नवाब महाबत खान ने पाकिस्तान के साथ जाने की घोषणा कर दी और इलाज कराने यूरोप चले गए। असल में 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों ने भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 लागू कर इसमें लैप्स ऑफ पैरामाउंसी की व्यवस्था की थी। इसका मतलब यह था कि राजा अपनी रियासत को भारत या पाकिस्तान, जहां चाहें जोड़ सकते थे। वे खुद का स्वतंत्र राष्ट्र भी बना सकते

    तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल नहीं चाहते थे कि जूनागढ़ और हैदराबाद रिसायत पाकिस्तान के साथ जाएं, क्योंकि उससे व्यवस्था बिगड़ने की आशंका थी। जिन्ना के खास जूनागढ़ के दीवान शाहनवाज भुट्टो ने पाकिस्तान के साथ जाने की राय नवाब को दी थी। अनेक कवायदों के बाद भारत की आजादी के कुछ महीनों बाद 09 नवंबर, 1947 को जूनागढ़ का भारत में विलय हुआ। जूनागढ़ में तब 80 फीसदी हिंदू रहते थे।

    महत्वपूर्ण घटनाचक्र

    1236ः मुगल शासक रुकनुद्दीन फिरोज शाह की हत्या।

    1580ः स्पेन की सेना ने आयरलैंड पर हमला किया।

    1729ः ब्रिटेन, फ़्रांस और स्पेन ने सेवाइल संध पर हस्ताक्षर कर दो वर्षों से चल रहे आंग्ल-स्पेनी युद्ध को समाप्त किया।

    1794ः रूसी सेनाओं ने पोलैंड की राजधानी वारसा पर कब्जा किया।

    1887ः अमेरिका को पर्ल हार्बर हवाई के अधिकार मिले।

    1918ः एकेटरिंगबर्ग में जार, जारीना एवं उनके बच्चों को फांसी।

    1918ः जर्मन गणतंत्र की उद्घोषणा।

    1937ः जापानी सेना ने चीन के शंघाई शहर पर कब्जा किया।

    1948ः जूनागढ़ रियासत का भारत में विलय।

    1949ः कोस्टारिका में संविधान को अंगीकार किया गया।

    1953ः कंबोडिया को फ्रांस से आजादी मिली।

    1962ः अमेरिका ने नेवाडा में परमाणु परीक्षण किया।

    1985ः एंटोली कारपोव को हरा कर सोवियत रूस के 22 वर्षीय गैरी कास्पारोव दुनिया के सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैम्पियन बने।

    1989ः ब्रिटेन में मृत्युदंड की सजा पर पूरी तरह से रोक लगाई गई।

    2000ः उत्तर प्रदेश से विभाजित उत्तराखंड का अलग राज्य के रूप में गठन।

    2001ः एलाएंस की सेना मजार-ए-शरीफ में घुसी।

    2005ः फ्रांस में आपातकाल घोषित।

    2005ः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने स्पष्ट किया कि इराक में बहुराष्ट्रीय सेना साल 2006 तक बनी रहेगी।

    2005ः जॉर्डन के तीन होटलों पर हुए आत्मघाती हमले में 60 से ज्यादा लोग मारे गए।

    जन्म

    1818ः रुदिन, पिता-पुत्र और शिकारी के रेखाचित्र जैसी कालजयी रचनाएं देने वाले महान साहित्यकार इवान तुर्गेनेव।

    1889ः प्रसिद्ध पत्रकार और राष्ट्रीय कार्यकर्ता इन्द्र विद्यावाचस्पति।

    1904ः भारत के सुप्रसिद्ध वनस्पति विज्ञानी पंचानन माहेश्वरी।

    1931ः संविधान विशेषज्ञ और प्रसिद्ध न्यायविद् लक्ष्मी मल्ल सिंघवी।

    1936ः प्रसिद्ध हिंदी कवि सुदामा पांडेय ‘धूमिल’।

    निधन

    1941ः संस्कृत भाषा के प्रकाण्ड विद्वान गंगानाथ झा।

    1953ः जाने-माने संगीतकार गुलाम हैदर।

    1962ः भारत के बड़े समाज सुधारक और उद्धारक धोंडो केशव कर्वे ।

    1970ः फ्रांसीसी गणराज्य के जनक फ्रेंच राजनेता चार्ल्स डी गॉल।

    2005ः भारत के पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन।

    2011ः शरीर विज्ञान के क्षेत्र में चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित हरगोविन्द खुराना।

    2020ः स्पेनिश मूल के मशहूर गुजराती लेखक एवं पादरी फादर वालेस।

    महत्वपूर्ण दिवस

    -राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleमहाराष्ट्र की चुनावी सभा में बोले अमित शाह- हम जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद  370 नहीं हटाएंगे 
    Next Article देश को बांटने का काम करना ही कांग्रेस का एकमात्र एजेंडा: नरेन्द्र मोदी
    shivam kumar

      Related Posts

      इतिहास के पन्नों में 25 दिसंबरः रूसी टेलीविजन पर हुई थी नाटकीय घोषणा- सोवियत संघ अस्तित्व में नहीं रहा

      December 24, 2024

      इतिहास के पन्नों में 23 दिसंबरः उस दिन को याद कर आज भी सिहर उठते हैं लोग जब देखते-देखते जिंदा जल गए 442 लोग

      December 22, 2024

      इतिहास के पन्नों में 22 दिसंबरः रुड़की-पिरान कलियर तक चली थी भारत की पहली मालगाड़ी

      December 21, 2024
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • मुख्यमंत्री और मंत्री ने हॉकी कोच प्रतिमा बरवा के निधन पर जताया शोक
      • केंद्र सरकार का सबूत आधारित आपराधिक न्याय प्रणाली स्थापित करना लक्ष्य : अमित शाह
      • “राष्ट्र-विरोध” के आरोपित दो और गिरफ्तार
      • देश में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 3758 के पार, दो की मौत
      • मध्यपूर्व में शांति प्रयासों को झटका: अमेरिकी दूत विटकॉफ ने हमास की प्रतिक्रिया को ‘अस्वीकार्य’ बताया
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version