अगर शुक्रवार को स्कूल बंद हो सकते हैं, तो हमें भी मंगलवार को स्कूल बंद करने का अधिकार है
जामताड़ा। शनिवार को असम के मुख्यमंत्री सह झारखंड विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा जामताड़ा में चुनावी सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल राजनीतिक सत्ता का नहीं, बल्कि रोटी, बेटी और माटी को बचाने की लड़ाई है। हिमंता बिस्वा सरमा ने झामुमो और कांग्रेस के नेताओं पर जमकर हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इरफान अंसारी और आलमगीर आलम समाज को बांटकर चुनाव जीतते हैं। उन्होंने कहा, ये लोग हमारे समाज को बांटकर राज करते हैं। अगर हमारा समाज एकजुट हो जाये, तो इनकी राजनीति खत्म हो जायेगी।
उन्होंने इरफान अंसारी पर व्यक्तिगत हमले करते हुए कहा कि वह सीता सोरेन के खिलाफ अपमानजनक बयान देते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुप रहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर समाज एकजुट रहेगा, तो किसी में इतनी हिम्मत नहीं कि रामनवमी का जुलूस रोका जा सके। सभा के दौरान हिमंता बिस्वा सरमा ने भावुक अपील करते हुए कहा कि जो लोग इरफान अंसारी को वोट देते हैं, वे समाज को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा, अगर आप लालच में आकर ऐसे लोगों को वोट देंगे, तो आपकी बेटी भी सुरक्षित नहीं रहेगी।
सरमा ने इस चुनाव को अस्मिता और संस्कृति की लड़ाई बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड के कुछ जिलों, जैसे पाकुड़, साहिबगंज और जामताड़ा में, शुक्रवार को स्कूल बंद किये जाते हैं ताकि नमाज अदा की जा सके। उन्होंने कहा, अगर शुक्रवार को स्कूल बंद हो सकते हैं, तो हमें भी मंगलवार को स्कूल बंद करने का अधिकार है ताकि हम हनुमान जी की पूजा कर सकें।
हिमंता बिस्वा सरमा ने देश की धर्मनिरपेक्षता पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाया जा सकता था, लेकिन हमारे बुजुर्गों ने धर्मनिरपेक्षता का रास्ता चुना। उन्होंने झारखंड में धार्मिक असंतुलन को लेकर सवाल उठाये और इसे समाज के हितों के खिलाफ बताया। हिमंता बिस्वा सरमा ने लोगों से अपील की कि वे समाज को एकजुट रखें और ऐसे नेताओं को नकारें, जो समाज को तोड़ने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सिर्फ नेताओं के बीच नहीं, बल्कि झारखंड की संस्कृति, अस्मिता और परंपराओं को बचाने की लड़ाई है।

