काठमांडू। नेपाल की राजधानी में चल रहा ‘राष्ट्र, राष्ट्रीयता, धर्म और संस्कृति बचाओ अभियान’ ने शनिवार देर रात सरकार के साथ हुई मैराथन वार्ता के बाद अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस ले ली। अभियान के नेता दुर्गा प्रसाई फिलहाल काठमांडू जिला पुलिस की हिरासत में हैं, लेकिन उनके प्रतिनिधियों और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के वरिष्ठ सलाहकारों के बीच बालुवाटार में हुई बैठक में यह सहमति बनी कि राजशाही पुनर्स्थापना सहित 27 सूत्रीय मांगों पर जल्द अगली दौर की बातचीत होगी। प्रधानमंत्री के प्रमुख सलाहकार अजयभद्र खनाल ने रविवार सुबह पत्रकारों को बताया, “हड़ताल खत्म करने का निर्णय अभियान ने स्वयं लिया है; सरकार सभी मुद्दों पर खुले दिमाग से चर्चा के लिए तैयार है।”
गृहमंत्री ओमप्रकाश अर्याल, सलाहकार गोविन्द नारायण तिमिल्सिना और अभियान की तरफ से सचिव प्रेमदीप लिम्बु, अधिवक्ता विनोदमणि भट्टराई, लवण न्यौपाने तथा डॉ. निरंजन प्रसाई की मौजूदगी में हुई वार्ता करीब तीन घंटे चली। खनाल ने बताया कि सरकार ने धर्म, संस्कृति और राष्ट्रीय पहचान से जुड़े मुद्दों पर विशेष समिति बनाने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें अभियान के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। हालांकि दुर्गा प्रसाई की रिहाई पर फैसला अदालत में लंबित मामलों के बाद होगा, लेकिन उनके खिलाफ सार्वजनिक शांति भंग की धारा में दर्ज मुकदमे की जांच तेज होगी।
अभियान का दावा है कि धर्मांतरण, बेहिसाब सांस्कृतिक आयात और संघीय संरचना ने हिंदू बहुल पहचान को खत्म करने का खतरा पैदा किया है; इसलिए राजतंत्र की पुनर्स्थापना ही एकमात्र विकल्प है। उधर, सरकारी सूत्रों का कहना है कि संविधान में राजशाही लाने के लिए दो-तिहाई बहुमत और जनमत आवश्यक है, जो फिलहाल संभव नहीं; इसलिए वार्ता के जरिये तनाव घटाना ही प्राथमिकता है। यदि अगली बैठक में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला तो अभियान फिर से सड़क पर उतरने की चेतावनी दे चुका है।
पर्यटन और व्यापार पर असर: हड़ताल वापसी से थाउमाडौं के मुख्य बाजार, बौद्ध स्टूप और पशुपतिनाथ क्षेत्र में सामान्य जीवन लौट आया है, लेकिन सुरक्षा के तगड़े इंतजाम अब भी बने हुए हैं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि अगले दस दिनों तक संवेदनशील इलाकों में नाकेबंदी जारी रहेगी ताकि किसी भी संप्रदायिक तनाव को रोका जा सके।

