हजारीबाग: प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी द्वारा 8 नवंबर की गयी नोटबंदी की घोषणा के बाद देश में सियासी तूफान मचा हुआ है। एक ओर सत्ता पक्ष जहां नोटबंदी को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहा है। वहीं विपक्ष इसे देश का महाघोटाला करार दे रहा है। कल 30 दिसंबर तक 500 सौ और एक हजार के नोट बैंकों में बदले या जमा करने का अंतिम दिन है। इसके बाद विशेष परिस्थिति में कुछ शर्तों के साथ 31 मार्च तक पुराने नोट आरबीआइ में जमा होगें। इसमें पहचान पत्र के रुप में आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट मनरेगा कार्ड या पैन कार्ड आदि साथ ले जाना अनिवार्य होगा। देशभर में आरबीआइ के 4 जोनल, 19 रीजनल, 10 सब आफिस व 19 इश्यू आफिस हैं, जहां 5 सौ और 1 हजार के पुराने नोट 31 मार्च तक जमा होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने नोटबंदी की घोषणा करते हुए जनता से 50 दिनों का समय मांगा था और कहा था कि इसके बाद बैंक व एटीएम में रुपये की किल्लत नहीं होगी। इसकी मियाद शुक्रवार को पूरी हो रही है। लेकिन जैसा हालात दिख रहा है उससे लग रहा है कि निकट भविष्य में लोगों की मुश्किलें कम होने वाली नहीं है। इसको लेकर मोदी कैबिनेट ने 30 दिसंबर के पुराने नोट रखने वालों पर नकेल कसने के लिए अध्यादेश को मंजूरी भी दी है। इसमें पुराने नोट रखने व लेन-देन करने पर जुर्माना और जेल जाने का भी प्रावधान किया गया। हालांकि सरकार ने इसमें कुछ छूट भी दी है।
अधिकतम 10 नोट रखने की छुट भी दी है।