रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि डेयरी, मुर्गी पालन, बत्तख पालन, बकरी पालन एवं मत्स्य पालन से गांव में समृद्धि आ रही है। इसमें महिलाएं भी अपना योगदान कर रही हैं और आत्मनिर्भर बन रही हंै। सीएम ने उक्त बातें सोमवार को महिला दुग्ध उत्पादकों को पुरस्कृत करते हुए कहीं।

लोगों को दुग्ध उत्पादन से जुड़ने का आह्वान
उन्होंने दुग्ध उत्पादकों से आस-पड़ोस के लोगों को विशेषकर गरीब लोगों को भी डेयरी अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित करने को कहा। उन्होंने कहा कि मेधा डेयरी प्लांट के लगने से लोगों को रोजगार मिल रहा है। राज्य के अन्य जिलों में भी डेयरी प्लांट खोलने की कार्रवाई की जा रही है। इससे उन जिलों में भी स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने दूध उत्पादकों को बछिया पालन के लिए भी प्रोत्साहित किया। इससे भविष्य में खुलने वाले डेयरी के लिए दुग्ध उत्पादकों को गाय उपलब्ध करायी जा सकेंगी।

ये हुए पुरस्कृत और सम्मानित
सोमवार को महिला दुग्ध उत्पादकों के बीच पुरस्कार एवं लाभांश का वितरण किया। उन्होंने रांची की जयमती देवी, लोहरदगा की अनुराधा देवी, चतरा की कंचन देवी तथा देवघर की ज्ञानी देवी को 10-10 हजार रुपये, हजारीबाग की कौशिला देवी, लोहरदगा की प्रेमावती देवी, कोडरमा की कंचन देवी तथा गोड्डा की गीतांजलि देवी को 7500 रुपये, रांची की बबिता देवी, लोहरदगा की गायत्री देवी, चतरा की कदमिनी देवी तथा देवघर की निर्मला कुमारी को 5-5 हजार रुपये का चेक देकर सम्मानित किया। इन दुग्ध उत्पादकों द्वारा एक साल में न्यूनतम 200 दिनों तक एक हजार से अधिक लीटर दूध की आपूर्ति मेधा डेयरी को की गयी। दुग्ध उत्पादकों ने कहा कि डेयरी से उन्हें आमदनी हो ही रही है तथा परिवार एवं बच्चों का लालन-पालन भी अच्छी तरह से हो रहा है। पुरस्कार वितरण में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव अमित खरे, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, सचिव पूजा सिंघल समेत मेधा डेयरी के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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