नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत कतर की हाइड्रोकार्बन परियोजनाओं में निवेश करने का इच्छुक है। मोदी ने यहां कतर के प्रधानमंत्री शेख अब्दुला बिन नासिर बिन खलीफा अल थानी के साथ चर्चा में भारत की यह इच्छा व्यक्त की। इस दौरान दोनों नेताओं ने ऊर्जा, व्यापार व सुरक्षा सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। भारत की अपनी पहली यात्रा पर आए अल थानी व मोदी ने रक्षा व सुरक्षा विशेषकर साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की तथा मनी लांड्रिंग और आतंकवाद को वित्तपोषण पर काबू बनाने के लिए संयुक्त कार्रवाई पर सहमति जताई। बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने वीजा, साइबर स्पेस व निवेश के क्षेत्रों में पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

मोदी ने कहा कि कतर के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा कतर के साथ मजबूत होते द्विपक्षीय संबंधों का प्रतीक है जिसे भारत हमेशा ही ‘मूल्यवान भागीदार’ मानता रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप के अनुसार दोनों नेताओं ने माना कि व्यापार व निवेश का स्तर उनमें उपलब्ध संभावनाओं के अनुरूप नहीं है। मोदी ने कतर के निवेश के लिए भारत के बुनियादी ढांचे व ऊर्जा क्षेत्रों में उपलब्ध व्यापक अवसरों को रेखांकित किया। ऊर्जा सहयोग पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हमें क्रेता-व्रिकेता के संबंध से आगे बढ़ते हुए संयुक्त उप्रकमों, संयुक्त अनुसंधान व विकास तथा संयुक्त उत्खनन की दिशा में बढ़ना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां कतर के हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में उत्पादन व विपणन परियोजनाओं में निवेश करने को तैयार हैं। कतर खाड़ी क्षेत्र में भारत के लिए महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार ही नहीं है बल्कि वह उसके लिए एलएनजी का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता भी है। 2015-16 में कुल एलएनजी आयात में उसका हिस्सा 66 प्रतिशत रहा। वहीं कतर के प्रधानमंत्री ने भारत को उसके यहां बुनियादी ढांचा व निवेश अवसरों में निवेश करने को आमंत्रित किया। कतर में 2022 में फीफा विश्व कप होना है इसलिए वहां इन क्षेत्रों में निवेश के व्यापक अवसर हैं। उन्होंने कतर में बंदरगाह क्षेत्र में भी भारत के निवेश का स्वागत किया।

स्वरूप ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को और खुला बनाने तथा एफडीआई आकर्षित करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। दोनों नेताओं ने सहयोग बढ़ाने के लिहाज से नागर विमानन को प्राथमिकता वाला क्षेत्र करार दिया।’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत हर साल 80 लाख टन यूरिया का आयात करता है। उन्होंने कहा, ‘हम यूरिया आपूर्ति के लिए कतर के साथ दीर्घकालिक समझौते का स्वागत करेंगे।’ उन्होंने यह भी बताया कि भारत खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में कतर की जरूरतों को पूरा कर सकता है।

दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय हालात विशेषकर इराक, सीरिया व यमन में ताजा स्थिति पर चर्चा की। स्वरूप ने कहा कि राजनयिक, विशेष व आधिकारिक पासपोर्ट धारकों को वीजा छूट के साथ साथ साइबर अपराधों से निपटने के लिए तकनीकी सहयोग को लेकर समझौता किया गया। व्यापारियों व पर्यटकों को ई वीजा प्रदान करने के लिए समझौते पर बातचीत के बारे में आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। कुल मिलाकर पांच समझौते हुए। इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कतर के प्रधानमंत्री से मुलाकात की।

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