रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि शांति और विकास एक-दूसरे के पूरक हैं, जहां शांति होगी, वहां विकास होगा और जहां विकास होगा, वही शांति होगी। इसे बनाये रखने में सुरक्षाबलों की सहभागिता काफी अहम है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल खुफिया सूचनाओं को मजबूत करे। इसके लिए आम लोगों से संपर्क बढ़ायें, बातचीत करें। राजे-रजवाड़े के समय से देश में गुप्तचर व्यवस्था रही है। इसलिए गुप्तचर व्यवस्था को और मजबूत बनाना होगा। उन्होंने सुरक्षा बलों से आम लोगों से संवाद और समन्वय बनाये रखने को कहा। मुख्यमंत्री ने बुधवार को धुर्वा स्थित सीआरपीएफ हेडक्वार्टर में आयोजित तीन दिनी माओवाद प्रभावित क्षेत्रों के इंटर स्टेट अभियान एवं समन्वय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहीं।
सीएम ने कहा कि समाज में अशांति फैलानेवाले अपराधियों और माओवादियों के आर्थिक स्रोत को तोड़ना जरूरी है। झारखंड से उग्रवाद को समूल नष्ट करना है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास पर विशेष जोर दे रही है।
कम हुईं आतंकी और नक्सली घटनाएं
रघुवर दास ने कहा कि नोटबंदी के बाद से आतंकवादी एवं
उग्रवादी दोनों घटनाओं में
कमी आयी है। कश्मीर में हमारे बच्चों के हाथ में पत्थर थमाकर अशांति फैलानेवालों की कमर
टूटी है।

सहायक पुलिस की होगी नियुक्ति, वेतन “10 हजार मासिक

मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल क्षेत्रों के युवाओं को सहायक पुलिस के रूप में नियुक्त किया जायेगा। उन्हें 10 हजार रुपये मासिक दिये जायेंगा। तीन साल बाद इनकी पुलिस में भरती की योजना है। उद्घाटन में बोलते हुए सीएम ने कहा कि उग्रवाद को समूल नष्ट करने के लिए संवाद और समन्वय दोनों जरूरी है। समय पर पड़ोसी राज्यों से संवाद करते रहने से उग्रवादियों एवं आपराधिक तत्वों के मूवमेंट की जानकारी मिलती रहेगी। समय से सूचना मिलना सबसे जरूरी है।

राज्य सरकार के सहयोग से नक्सली घटनाएं कम हुर्इं : कुमार

केंद्रीय गृह मंत्रालय के सीनियर सिक्युरिटी एडवाइजर के विजय कुमार ने कहा कि झारखंड सरकार से काफी सहयोग मिलने के कारण ही आज राज्य में नक्सल घटनाओं में भारी कमी आयी है। सही दिशा में कार्रवाई चल रही है। राज्य की सरेंडर पॉलिसी भी काफी अच्छी होने के कारण बड़ी संख्या में उग्रवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं। उन्होंने सुरक्षा बलों से स्थानीय लोगों से घुल मिल कर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि स्थानीय परंपराओं का सम्मान करें और उनमें शामिल हों। ज्ञातव्य हो कि इस तीन दिवसीय कार्यशाला में 10 राज्यों के पुलिस प्रतिनिधि, चार सशस्त्र बलों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम में सीआरपीएफ के महानिदेशक के दुर्गा प्रसाद, झारखंड के डीजीपी डीके पांडेय, सीआरपीएफ के एडीजी सुदीप लखटकिया, बोकारो रेंज के डीआइजी साकेत सिंह समेत कई अन्य सीनियर पुलिस आॅफिसर्स भाग ले रहे हैं।

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