नई दिल्ली: मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम ने जमीन व जमीन जायदाद (रीयल इस्टेट) कारोबार को भी वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने का सुझाव आज दिया ताकि काले धन व भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मदद मिले। सुब्रमणियम का कहना है कि अप्रत्यक्ष कर की यह नयी प्रणाली सरल निम्न दरों के साथ साफ स्वच्छ होनी चाहिए और जमीन व संपत्ति के साथ बिजली को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए।

सुब्रमणियम ने जीएसटी के तहत संभावित कर दरों के बारे में एक रपट वित्त मंत्रालय के लिए लिखी थी। उन्होंने यहां एक सम्मेलन में कहा, `मेरा अब भी यह मानना है कि हमें दरों के एक सरल, स्वच्छ ढांचे की उम्मीद करनी चाहिए जिसमें निम्न व ऊंची दरों में संतुलन हो और जो कि काले धन के खिलाफ हमारी लड़ाई में पूरक साबित होगा।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के जरिए कालेधन के खिलाफ लड़ाई शुरू की है। सुब्रमणियम का मानना है कि जमीन व जमीन जायदाद यानी संपत्ति को भी जीएसटी का हिस्सा बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, `संपत्ति पंजीकरण पर स्टांप ड्यूटी अलग है और स्टांप ड्यूटी का अधिकार राज्य अपने पास रख सकते हैं। जमीन व अचल संपत्ति की ब्रिकी जीएसटी के दायरे में होनी चाहिए।’

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