रांची: इप्सोवा, ग्रामीण विकास विभाग, आशा संस्थान, जेएनएलपीएस के सहयोग से सोमवार को ‘डायन प्रथा-एक अभिशाप, मिलकर ढूंढ़े इसका समाधान’ शीर्षक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में आयोजित सेमिनार में अलग-अलग जिलों की सहिया, सेविका, समाजसेवी, धर्म गुरु ने अपने विचार रखे। सभी ने एक स्वर में डायन प्रथा समाप्त करने के लिए ओझा, गुणी की लिस्ट बनाकर उन्हें चिह्नित करने पर बल दिया।

अशिक्षा दूर करने से ही कुरीतियां खत्म होंगी: किशोर
भाजपा सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि अब तक डायन के नाम पर 1200 से ज्यादा हत्याएं हुई हैं। इसे रोकने के लिए कानून बनाने के साथ-साथ लोगों को जागरूक करना होगा। अशिक्षा दूर कर ही ऐसा संभव हो पायेगा। ग्रामीण इलाकों में अशिक्षा के कारण ही लोग इस तरह की कुरीतियों का शिकार हो रहे हैं। हालांकि इन दिनों ऐसा देखने को मिल रहा है कि आपराधिक तत्व अपनी मंशा पूरी करने के लिए इस तरह की कुप्रथाओं को माध्यम बना रहे हैं। खास तौर पर जमीन हथियाने के मामलों में ऐसे मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं। इसलिए भी ओझा-गुणी की पहचान जरूरी है।

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